महारष्ट्र के मुंबई शहर में राज्यभर के किसान आंदोलन कर रहे हैं. किसानों का कहना है कि उनसे जो वादे किये गए उन्हें पूरा किया जाए और बदलते मौसम की चुनौतियों को लेकर नयी नीतियाँ बनायी जाएँ. आज का सवाल इस ही मुद्दे पर है. क्या राजनैतिक पार्टियों को चुनावी सभाओं में भाषण देते वक़्त ज़मीनी कार्यवाही को ध्यान में रखकर बात करनी चाहिए? क्या चुनाव के दौरान किये गए झूठे वादे भविष्य में नए आंदोलनों को ज़ोर देंगे?
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