दसवीं कक्षा के बच्चों को सबसे आसानी से पढ़ाने का उपाय क्या है ?

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दसवीं कक्षा के बच्चों को सबसे आसानी से पढ़ाने का उपाय क्या है ?
दसवीं कक्षा के बच्चों को सबसे आसानी से पढ़ाने का उपाय क्या है ?

दसवीं कक्षा के बच्चों को सबसे आसानी से पढ़ाने का उपाय क्या है ? ( What is the easiest way to teach class X children? )

वर्तमान समय में शिक्षा का महत्व किसी से छिपा हुआ नहीं है. अज्ञान जीवन में एक अभिषाप की तरह होती है. सभी लोग शिक्षा के महत्व को तो समझते हैं. लेकिन समस्या तक उभरकर सामने आती है, जब का मन पढ़ाई में नहीं लगता है. उस समय ऐसा क्या करना चाहिएं कि उनका मन पढ़ाई में लगे. अगर एक बार बच्चा पढ़ाई में पीछे छूट जाता है, तो वह छूटता ही चला जाता है. ये समस्या 10 वीं कक्षा के बच्चों के सामने बहुत आती है क्योंकि उनकी उम्र में वे अपने शरीर में शारीरिक बदलाव भी देखते हैं. इसी कारण लोगों के मन में बच्चों को लेकर कई तरह के सवाल होते हैं. इसी तरह का एक सवाल जो आमतौर पर पूछा जाता है कि दसवीं कक्षा के बच्चों को सबसे आसानी से पढ़ाने का उपाय क्या है ? अगर आपके मन में भी ऐसा ही सवाल है, तो इस पोस्ट में इसी सवाल का जवाब जानते हैं.

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शिक्षा

दसवीं कक्षा के बच्चों को पढ़ाने के उपाय-

⦁ बच्चों को पढ़ाने से पहले हमारे लिए यह जानना बहुत ही आवश्यक है कि बच्चों को पहले अपने विषय की कितनी समझ है. ज्यादात्तर बच्चे पढ़ाई में इसी वजह से पीछे रह जाता है कि शुरूआती कक्षाओं में वो किसी कारण से पढ़ाई पर ध्यान नहीं दे पाते हैं. लेकिन उसके बाद आगे की कक्षाओं में जब वो जाते हैं, तो उन्हें वो विषय समझ ही नहीं आता है. उदाहरण के तौर पर अगर किसी बच्चे को जोड़ या घटा के सवाल ही नहीं आते हैं, तो वह भाग या गुणा के सवाल कैसे निकाल सकता है. इसी कारण सबसे पहले जरूरी है कि उसके पहले के ज्ञान को चेक किया जाए तथा उसके बाद बच्चे के स्तर पर ही उसको पढ़ाना शुरू किया जाए. इससे पढ़ाई में उसकी रूचि बनेगी.
⦁ बच्चें को पढ़ाने से पहले जरूरी है कि उसकी रूचि उसमें हो. इसके लिए उसे शिक्षा के महत्व को समझाया जा सकता है. उसको बताया जा सकता है कि शिक्षा में बेहतर करके आप जिंदगी में क्या हासिल कर सकते हैं. इसके साथ ही अगर आप शिक्षा में अच्छा नहीं करते हैं, तो आप जिंदगी में कितना कुछ खो सकते हैं. इससे बच्चे को शिक्षा के महत्व का अहसास होगा तथा वह शिक्षा की तरफ ध्यान देगा.

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शिक्षा

⦁ इसके साथ ही बच्चे पर विश्वास जताना भी उसके शिक्षा में बहुत मद्द करता है. परिवार के लोग या अध्यापक उसको विश्वास दिला सकते हैं कि तुम पढ़ सकते हो तथा बहुत अच्छा कर सकते हो. शिक्षा के क्षेत्र में पिछडने या पीछे रहने के कारण में विश्वास की कमी भी एक महत्वपूर्ण कारण है.
⦁ वर्तमान शिक्षा प्रणाली का सबसे बड़ी कमियों में से एक है मूल्यांकन सिस्टम. जिसकी वजह से बच्चों में ज्यादा से ज्यादा नंबर हासिल करने की होड़ लगी रहती है. जो इस होड़ में पिछड़ जाता है, समझो उसका शिक्षा का करियर खत्म. इसके लिए जरूरी है कि बच्चों को समझाया जाए कि नंबर जरूरी नहीं है. नंबर सिर्फ शिक्षा को स्तर को समझने का एक पैमाना है , यह कभी भी आपका भविष्य और काबलियत का निर्धारण नहीं कर सकता है. इसी कारण बच्चों पर ज्यादा से ज्यादा नंबर लाने का दबाव ना बनाएं. इससे वह शिक्षा से बचने शुरू कर देगा.
⦁ निरंतरता किसी भी काम के लिए बहुत अहम भूमिका निभाती है. बच्चों को पढ़ाने के लिए बच्चों के साथ बैठकर उनका टाइम टेबल बनवाना चाहिएं. ताकि बच्चों में निरंतरता आए तथा वे अच्छे से पढाई के साथ जुड पाएं.

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⦁ इसके अलावा बच्चों को पढ़ाने के लिए माइंड मैपिंग और रिवर्स रिकॅाल तकनीकों का प्रयोग करना बहुत ही लाभदायक होता है. अगर माइंड मैपिंग की बात करें, तो इसमें किसी भी विषय का चुनाव किया जाता है. इसके बाद इसके सबटॅापिक लिखने होते हैं. उसके बाद आपने उनके बारे में जो भी पढ़ा था, उसके लिखकर देखा जाता है. इसके साथ ही उन सभी टॅापिक को हम अपने माइंट में एक चित्र की तरह बना लेते हैं या फिर एक कहानी की तरह जिनसे हमें वे आसानी से याद रह जाते हैं. रिवर्स रिकॅाल तकनीक की बात करें, तो इसमें हमें सबसे पहले विषय के सभी चैप्टर को अच्छे से पढ़ लेना है. इसके बाद उसके लास्ट चैप्टर से याद करते हुए पहले तक आना होता है. बच्चों को याद करवाने के लिए यह एक बहुत ही अच्छी तकनीक है.

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