ऑफिस मे काम करना कठिन ही नहीं होत है बल्कि यह आप के शरीर को पुरी तरह से थका भी देता है। ऐसी स्थिति में आप हमेशा आराम की तलाश करेंगे। आप चाहेंगे की काश आप का बॉस आ जाए और आप को सोने के लिए बिस्तर उपलब्ध करा दे। आप सोच रहें होगें की यह सिर्फ़ एक कल्पना हो सकती है। लेकिन यह हकीक़त है, आज हम आप को बताने जा रहे है जापान दुनिया में ऐसा मुल्क है जहां पर लोगों को काम के वक्त सोने की इजाजत मिल जाती है।
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आख़िर क्यों मिलती है जापानियों को दफ़्तर में सोने की इजाजत
दरअसल में जापान में लोग अपनी पुरी दिनचार्य का सबसे ज्यादा हिस्सा ऑफिस में काम कर के काट देते है। जापानी पुरी दुनिया में अपनी मेहनत के लिए जाने जाते है। कईं घंटों दफ़्तर में रहना जापानियों की आदत है। बहुत देर तक ऑफिस में रह कर काम करने से जापानी लोग घर पर कम सो पाते है। जिसकी वजह से जापानी दफ़्तर में काम करते वक्त जल्दी थक जाते है। इसी वजह से कंपनियां लोगों को सोने की इजाजत दे देती है। लोग अपने डेस्क पर ही नींद की झपकी लेकर खुद को फिर से काम करने के लिए तरोताजा कर देते है।
काम पर नहीं पड़ता बुरा असर
अगर हम भारत जैसे देश की बात करें जहां पर भी लोग अपने दिन का बड़ा हिस्सा दफ़्तर में बिता देते है वहां पर भी लोगों को सोने की इजाजत नहीं मिलती है। कहा जाता है की जिस कंपनी के लोग काम के वक्त सो जाते है इसका बुरा असर उनके काम पर पडता है और नतीजा कंपनियों को घाटे के रुप में होता है। लेकिन जापान के मामले में ऐसा नहीं है। ऑफिस में सोने के बाद भी जापानी लोगों की काम करने की क्षमता पर कोई असर नहीं पड़ता और जापानी कंपनियां विकास के मामले में दुनिया की बहतरीन कंपनियों को टक्कर देती है।
हालांकि कौन कब सो सकता है इसके भी कुछ नियम होते है। जापान में लोग औसतन 6 घंटे की ही नींद लेते है। जापान में कोई आदमी जब ट्रेन बस या सार्वजनिक जगहों पर सोया हुआ मिले तो लोग समझ जाते है की उसने दफ़्तर में ज्यादा देर तक काम किया होगा। लेकिन जापान में अब काम के वक्त सोने का प्रचलन ख़त्म हो सकता है। क्योंकि वहां की सरकार इस तरह के नियम लाना चाहती है जिससे कोई भी इंसान काम के वक्त सो न पाए।
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