जानिए क्यों कोई आजतक नहीं चढ़ पाया भव्य कैलाश पर्वत पर ?

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जानिए क्यों कोई आजतक नहीं चढ़ पाया भव्य कैलाश पर्वत पर ?
जानिए क्यों कोई आजतक नहीं चढ़ पाया भव्य कैलाश पर्वत पर ?

ऐसा क्या है की कैलाश पर्वत पर आज तक कोई भी नहीं जा पाया , जबकि दुनिया की सबसे ऊंची चोटी माउंट एवरेस्ट पर अभी तक 7000 से ज्यादा लोग फतेह कर चुके है। इसकी ऊंचाई 8848 मीटर है। अगर कैलाश पर्वत की ऊंचाई की बात की जाए तो वो कैलाश पर्वत की ऊंचाई 6600 मीटर से अधिक है, जो दुनिया के सबसे ऊंचे पर्वत माउंट एवरेस्ट से लगभग 2200 मीटर कम है.ऐसा क्या रहस्य छिपा है, तो चलिए आज जानते है इस अद्भुत कहानी के पीछे छिपा हुआ राज भारतीय संस्कृति और हिंदू धर्म में कैलाश पर्वत को बहुत ज्यादा महत्वपूर्ण माना गया है क्योंकि यहां भगवान शिव का निवास स्थल माना जाता है।

वैसे तो अभी तक कैलाश पर्वत पर कोई भी नहीं पहुंच पाया है। वैसे तो अभी तक कैलाश पर्वत पर किसी के भी नहीं पहुंच पाने पर बहुत सारी बातें है। कुछ लोगों का मानना है कि कैलाश पर्वत पर शिव जी निवास करते हैं और इसीलिए यहां पर कोई भी जीवित इंसान ऊपर तक नहीं पहुंच सकता मरने के बाद जिसने कोई भी पाप ना किया हो। वही कैलाश पर्वत पर फतह कर सकता है।

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कुछ लोगों का मानना है कि कैलाश पर्वत पर शिव जी निवास करते हैं और इसीलिए यहां पर कोई भी जीवित इंसान ऊपर तक नहीं पहुंच सकता मरने के बाद जिसने कोई भी पाप ना किया हो। वही कैलाश पर्वत पर फतह कर सकता है। कैलाश पर्वत और कैलाश क्षेत्र पर दुनियाभर के वैज्ञानिकों ने रिसर्च की है. ऐसा भी मन गया है की कैलाश पर्वत पर थोड़ा सा ऊपर चढ़ते ही व्यक्ति दिशाहीन यानी कि वह अपनी दिशा से भटक जाता है।

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अगर वैज्ञानिक तथ्य की बात की जाए की ऐसे क्या कारण है की कोई भी अभी तक कैलाश पर्वत ने जा पाया तो उसका सबसे बड़ा कारण है। क्योंकि वहां शरीर के बाल और नाखून तेजी से बढ़ने लगते हैं इसके अलावा कैलाश पर्वत पर बहुत ज्यादा रेडियोएक्टिवीटी है। इसके अलावा यह भी कहा जाता है कि कैलाश पर्वत का स्लोप 65 डिग्री से ज्यादा है। जबकि माउंट एवरेस्ट में सिर्फ 40 से 60 तक है जो इसकी चौड़ाई को और भी ज्यादा कठिन बनाता है।इसके अलावा यह भी कहा जाता है कि कैलाश पर्वत का स्लोप 65 डिग्री से ज्यादा है। जबकि माउंट एवरेस्ट में सिर्फ 40 से 60 तक है जो इसकी चौड़ाई को और भी ज्यादा कठिन बनाता है।