सरकार नें एक साल बाद वापस लिया FRDI बिल, ग्राहकों के बैंकों में जमा पैसों पर उठ रहे थे सवाल

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सरकार ने लोकसभा में वित्तीय समाधान और निक्षेप बीमा विधेयक (FRDI) को वापस ले लिया हैं। सदन में वित राज्य मंत्री पी राधाकृष्णन ने उक्त विधेयक को वापस लेने का प्रस्ताव किया। इसमें विफल बैंकों के संबंध में समाधान के मार्ग के तहत राहत तथा बैंक जमा पर बीमा कवर के प्रस्ताव को लेकर चिंताएं व्यक्त की जा रही थी। इस विधेयक को सदन में पेश किया गया था और इसे संसद की संयुक्त समिति को भेजा गया था।

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पिछले सप्ताह समिति ने संसद में अपनी रिपोर्ट पेश की थी और सरकार के इस विधेयक को वापस लेने के प्रस्ताव पर सहमति व्यक्त की थी। इसके तहत करस्थ वित्तिय सेवा प्रदाता के कतिपय प्रवर्गो, वित्तीय सेवाओँ के कतिपय प्रवर्गो के उपभोक्ता के निक्षु बीमा, प्रणालीगत रुप से महत्वपूर्ण वित्तीय संस्था को अभिहित करना तथा विनिर्दिष्ट सेवा प्रदाताओं को उपभोक्ता के संरक्षण के लिए समाधान निगम की स्थापना का प्रावधान किया गया था। इसमें वित्तीय प्रणाली की स्थिरता और आघात सहने की क्षमता को सुनिशिचत करने के लिए लोक निधि के लिए समाधान निकालने का भी प्रावधान किया गाय था।

आपको बता दें की केंद्रीय मंत्रिमंडल ने इस महीने की शुरुआत में फैसला किया था कि इस विधेयक को वापस लिया जाएगा। इस विधेयक के कुछ प्रावधानों को लेकर चिंता जताई गई थी कि उनसे जमाकर्ताओं के हितों को नुकसान होगा। रॉय ने कहा की विधेयक को वापस लेने का सरकार का फैसला विपक्ष के लिए जीत हैं।

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