BSP सुप्रीमो मायावती नें कहा हैं कि अगर उनकी पार्टी को छत्तीसगढ, मध्य प्रदेश और राजस्थान में सम्मानजनक सीटे मिलेंगी तो ही उनकी पार्टी कांग्रेस के साथ मिलकर चुनाव लडेगी। उन्होंने अपने बयान में आगे कहा कि उनकी पार्टी अकेली चुनाव लड़ने की ताकत रखती हैं।
तीन राज्यों में होने है चुनाव
आने वाले वक्त में तीन राज्य राजस्थान, मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं। इन तीनों ही राज्यों में बीजेपी की सरकार हैं। इन तीनों राज्य में बीजेपी को अकेला हराना कांग्रेस के लिए चुनौती हैं। इसलिए कांग्रेस BSP की मदद से 2019 के आम चुनाव से पहले ही इन तीनों राज्यों में बीजेपी को हराना चाहती हैं।
कांग्रेस और BSP का रहा है चोली दामन का साथ
ऐसा पहली बार नहीं है जब कांग्रेस BSP के साथ मिलकर चुनाव लड़ना चाहती हैं। उत्तर प्रदेश और केंद्र की राजनीति में मायावती और कांग्रेस का हमेशा से चोली-दामन का साथ रहा हैं। जब कांग्रेस 2004 से 2014 तक केंद्र की सत्ता पर काबिज थी तो उसमें BSP का कांग्रेस को समर्थन हासिल था।
मायावती की है चुनाव और राजनीति में गहरी पकड़
मायावती अच्छे से जानती हैं कि आज देश में दलितों और मुसलमानों के अंदर एक डर का माहौल हैं। मायावती को अच्छे से पता हैं कि पिछले कुछ वक्त में दलित और मुस्लिम समुदाय के लोगों में भाजपा की साख ख़राब हुई हैं। जिसका फायद वह चुनाव मैदान में उठाना चाहती हैं। उन्हें अच्छे से पता हैं कि कांग्रेस के साथ के बिना भी BSP अपनी राजनीतिक ज़मीन हासिल कर ही लेगी।
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दूसरी तरफ मायावती को लगता हैं कि कांग्रेस इस वक्त भाजपा और मोदी के सामने कमजोर पार्टी के रूप में खड़ी है। मायावती जानती है कि इन तीनों ही राज्य में बीजेपी की अच्छी पकड हैं जिसे कमजोर कर पाना अभी कांग्रेस के लिए मुश्किल हैं। इसलिए मायावती कांग्रेस से अपने लिए इन तीनो राज्यों में अपने मन मुताबिक सीटें चाहती हैं