इस गांव में चोरी करने पर आपको मिलेगी ऐसी सजा, जो कर देगी आपको हैरान

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नई दिल्ली: एक तरफ जहां समाज में जुर्म करने पर दोषी के साथ सख्त कार्यवाही की जाती है उसके ऊपर कड़े कानून लागू किए जाते है. वहीं एक ऐसा गांव भी है जहां दोषी ठहराये जाने पर एक अलग ही प्रकार की सजा दी जाती है. जी हां, झारखंड का चलकारी गांव जहां समुदायिक अदालत में दोषी ठहराये जाने के बाद बिरहोर आदिवासी समुदाय के सदस्य जुर्माने के तौर पर देशी शराब भेंट करते है. यह गांव धनबाद जिले में पड़ता है.

आपको बता दें कि कुछ सप्ताह पहले ही इस गांव में दालू बिरहोर का अपने एक पड़ोसी के साथ झगड़ा हो गया था तब उनके समुदाय के प्रमुख ने उन्हें दोषी ठहराया और उन्हें दो बोतल हरिया ( झारखंड की स्थानीय शराब) का जुर्माना भरने का आदेशा दिया. ऐसा ही एक माह पहले ही राखा बिरहोर (18) को भी एक ग्रामीण का सामान चुराने पर दो मुर्गी और तीन बोतल हरिया का जुर्माना भरना पड़ा था.

5 bottles alcohol to be given for theft punishment in this village of jharkhand 1 news4social -

टोपचाची के प्रखंड विकास पदाधिकारी विजय कुमार का बयान

वहीं इस पर टोपचाची के प्रखंड विकास पदाधिकारी विजय कुमार का कहना है कि आदिवासी लोगों अपने पूर्वजों द्वारा बनाए गए इस नियम का पालन कर रहें है. इस समुदाय के लोग अक्सर ही अपने मामलों को लेकर जिला प्रशासन या कोर्ट का दरवाजा नहीं खटखटाते है. वह अपने इन मामलों को आपस में ही सुलझाते है.

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सामुदायिक अदालत के फैसले को न तो चुनौती देता है और न ही विरोध करता है

दिलचस्प बात तो यह है इस समुदाय का कोई भी व्यक्ति सामुदायिक अदालत के फैसले को न तो चुनौती देता है और न ही विरोध करता है. वहीं इस समुदाय के अहम शख्स राका बिरहोर ने अपनी परंपराओं पर गर्व करते हुए बताया कि समुदाय के नियमों और मापदंड़ो से उन्हें गांव में सालों से शांति और स्थिरता बनाए रखने में मदद मिली है.

अपराध की प्रकृति के ध्यान में रखते हुए ही व्यक्ति को सजा- राका बिरहोर

उन्होंने आगे कहा कि अपराध की प्रकृति के ध्यान में रखते हुए ही व्यक्ति को सजा सुनायी जाती है. उन्होंने कहा कि अगर एक शख्स झगड़े का आरोपी पाया जाता है तो उसे दो बोतल हरिया का जुर्माना भरना पड़ता है. वहीं चोरी के मसले में सजा के तौर पर पांच बोतल और गंभीर अपराधों में 10 बोतल हरिया देने की सजा भी हो सकती है.

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