चंद्रगुप्त मौर्य और चाणक्य दोनों गुरू-शिष्य की रोचक घटना

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चंद्रगुप्त मौर्य और चाणक्य
चंद्रगुप्त मौर्य और चाणक्य

चंद्रगुप्त मौर्य और चाणक्य दोनों गुरू-शिष्य के बारे में आपने अनेंक कहानियाँ तथा किस्से सुने होगें. कैसे चाणक्य ने अपनी नीति से चंद्रगुप्त मौर्य को साधारण बालक से सम्राट बना दिया. चंद्रगुप्त मौर्य भी चाणक्य की बहुत इज्जत करता था. लेकिन क्या आप ये बात जानते हैं कि चंद्रगुप्त ने ग्रीक राजकुमारी हेलेना से शादी की थी. ऐसा माना जाता है चंद्रगुप्त मौर्य को हेलेना से प्यार हो गया था, अपनी पहली पत्नी दुर्धरा से इजाजत लेकर चंद्रगुप्त ने हेलेना से शादी की थी.

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चंद्रगुप्त मौर्य तथा चाणक्य

चंद्रगुप्त मौर्य ने ग्रीक राजा के सामने शर्त रखी कि अगर वो युद्ध में पराजित हो जाते हैं और चंद्रगुप्त जीत जाते हैं, तो वो राजकुमारी हेलेना से विवाह करेंगे. युद्ध शुरू हुआ और सेल्यूकस की सेना को हार का सामना करना पड़ा तथा मौर्य सेना को जीत मिली. इस तरह जब राजकुमारी हेलेना की शादी चंद्रगुप्त मौर्य से होने वाली थी तब चाणक्य ने चंद्रगुप्त मौर्य के सामने शादी से पहले 3 शर्त रख दी और कहा कि अगर तुम हेलेना से शादी करना चाहते हो तो , इन 3 शर्तों का पालन करना जरूरी है. गुरू की आज्ञा का पालन चंद्रगुप्त मौर्य जरूर करते थे.

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चाणक्य

जो तीन शर्त रखी गई उनमें सबसे पहली उन दोनों से उत्पन्न संतान उनके राज्य का उत्तराधिकारी नहीं बनेगा और इसका कारण बताया कि हेलेना एक विदेशी महिला है और भारत के पूर्वजों से उसका कोई नाता नहीं है. भारतीय संस्कृति को वो बिल्कुल नहीं जानती.

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दूसरी शर्त रखी कि हेलेना कभी भी सम्राट के राज-काज में हस्तक्षेप नहीं करेगी. तीसरी शर्त के तौर पर कहा कि विदेशी होने के कारण वो उसपर कभी भी भरोसा नहीं किया जा सकता, क्योंकि अपने देश के लिए सभी के मन में छुपा हुआ प्रेम रहता है, इसलिए विवाह के बाद हेलेना ग्रीक देश से कोई सम्बध नहीं रखेगी.