शाह ने खेला इतना बड़ा दांव, अविश्वास प्रस्ताव में मिल गया मोदी को इस विरोधी पार्टी का साथ

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नई दिल्ली: लोकसभा में केंद्र की मोदी सरकार के खिलाफ पहली बार अविश्वास प्रस्ताव लाया गया है. इस बीच मोदी सरकार के पक्ष में शिवसेना ने एक बड़ा फैसला लिया है. काफी समय से दोनों ही पार्टियों के नेताओं के बीच टकराव के आलम देखने को मिले थे. पर ठाकरे ने अविश्वास प्रस्ताव में मोदी सरकार के समर्थन में वोटिंग करने का फैसला किया.

बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह ने शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे को किया फोन

जानकारी के अनुसार, बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह ने शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे को फोन किया. शाह ने उस दौरान कहा कि वे अविश्वास प्रस्ताव के दौरान सरकार का साथ दें. जिसके बाद ठाकरे का यह फैसला आया है. दरअसल, आंध्र प्रदेश को विशेष राज्य का दर्जा दिलाने को लेकर टीडीपी सरकार ने मोदी सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव रखा है. साल 2019 के चुनाव के पहले विपक्षी पार्टी को अपनी ताकत दिखाने का यह बड़ा मौका लग रहा है. लेकिन शिवसेना द्वारा मोदी सरकार के समर्थन से अब विपक्षी दलों को झटका लग सकता है.

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यह प्रस्ताव मोदी के लिए एक अग्निपरीक्षा के बराबर है. लोकसभा में इस दौरान बीजेपी के पास अकेले ही 273 सांसद हैं, जबकि बहुमत के लिए उसे 272 सांसदों का आंकड़ा चाहिए. ऐसे में बीजेपी के पास बहुमत से एक सदस्य अधिक है. लेकिन वर्तमान में, कई बीजेपी सांसदों ने विद्रोही पार्टी के समर्थन में दिख रहें है. इनमें शत्रुघ्न सिन्हा, कीर्ति आजाद और सावित्री बाई फुले शामिल हैं. ऐसे में तीन सीटें कम कर दी जाए तो बीजेपी के पास 270 सीटें बचाएगी, जबकि उसे बहुमत के लिए सिर्फ 267 वोट ही चाहिए. इसका मतलब यह है कि मोदी सरकार को अविश्वास प्रस्ताव गिराने के लिए सहयोगियों की भी आवश्यकता नहीं पड़ेगी.

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बीजेपी को बहुमत से जीतने के लिए 267 सांसद की जरूरत

करीब 545 सदस्यों वाली लोकसभा में मौजूदा समय में 535 सांसद हैं. यानी कि बीजेपी को बहुमत से जीतना है तो उसको 267 सांसद का साथ चाहिए होगा. वहीं लोकसभा अध्यक्ष को हटाकर अभी भाजपा के पास 273 सदस्य है. इसके बवजूद बीजेपी के सहयोगी दलों में शिवसेना के 18, एलजेपी के 6, अकाली दल के 4, आरएलएसपी के 3, जेडीयू के 2, अपना दल के 2 अन्य के 6 सदस्य हैं. इस तरह से कुल संख्या 314 तक पहुंच चुकी है. ऐसे में बीजेपी को अविश्वास प्रस्ताव को गिराने और सरकार को बचाने में कोई मुश्किल नही पड़ेगी.

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वहीं अगर विपक्षी दलों की बात करें तो मौजूद वक्त में सबसे ज्यादा सीटें करीब 48 कांग्रेस के पास है. वहीं अविश्वास प्रस्ताव लाने वाले टीडीपी के पास 16 सीटें हैं, जबकि जेडीएस के 1, एनसीपी के 7, आरजेडी के 4, टीएमसी के 34, सीपीआईएम के 9, सपा के 7 सदस्य हैं. वहीं आम आदमी के 4, टीआरएस के 11, वाईएसआर कांग्रेस के 4,एयूडीएफ के 3 और बीजेडी के 20 सदस्य हैं. इन सबको मिला ले तो फिर भी 268 के आंकड़े को छू नहीं पा रहे हैं. ऐसे में सदन में अविश्वास प्रस्ताव का गिरना तय है.