सिर्फ खूबसूरती ही नहीं बल्कि इतिहास में भी बेहद शाही अंदाज है लोधी गार्डन का

2359

नई दिल्ली: राजधानी दिल्ली के दक्षिणी मध्य इलाके में बना हुआ इस सुंदर उद्यान के बारे में हम सभी लोग जानते है. दिल्ली के सबसे पॉश एरिया में स्थित यह गार्डन काफी प्राचीन और काफी प्रसिद्ध है. इसकी एक झलक को देखने ने के लिए देश हो या फिर विदेश सभी जगहों से लोग आते है. दिल्ली के लोदी मार्ग में बसा इस गार्डन का नाम ब्रिटिश काल के दौरान ‘लेडी विलिंगटन’ पार्क था. लेकिन जो आज लोकप्रिय है ‘लोधी गार्डन’ के नाम से.

lodi garden s historical journey 1 news4social -

‘लोधी गार्डन’ का इतिहास

यूं तो हम पहले ही बता चुके है कि पहले इस उद्यान का नाम लेडी विलिंगटन पार्क था. लेडी वेलिंगटन, वेलिंगटन के मार्क्वेस की पत्नी थी. इस उद्यान का 9 अप्रैल 1936 को लेडी वेलिंगटन ने इसका विधिवत उद्घाटन किया. ये ही वजह है कि इसका नाम उस दौर में लेडी वेलिंगटन रखा गया. भारतीय स्वतंत्रता उपरांत इसका नाम बदल कर लोधी उद्यान रखा गया. इस गार्डन में कई स्मारक है, जिनमें मुहम्मद शाह और सिकंदर लोदी के मकबरों पर लोधी राजवंश की वास्तुशिल्प दिखाई देती है.

मुहम्मद शाह का मकबर 1444 में अला-उद-दीन-आलम ने बनवाया था

आपको बता दें कि मुहम्मद शाह का मकबर 1444 में अला-उद-दीन-आलम ने बनवाया था. विख्यात वास्तुकार जेए स्टीन ने वर्ष 1968 में इस बाग का विकास करते हुए सुंदरीकरण किया था. जिसके बाद इस गार्डन के बीच में एक फव्वारे के साथ सर्पिल आकार की 300 मीटर लंबी और 3.3 मीटर गहरी झील विकसितकी गई. साल 1996 में यहां पर भारतीय बोन्साई एसोसिएशन के सहयोग से एक राष्ट्रीय बोन्साई पार्क बनवाया गया. जहां पर निम्न प्रकार के 10 से 50 साल पुराने बोन्साई पौधे रखे हुए है. वर्ष 2011 में इसकी 75 वीं वर्षगांठ बनाई गई.

lodi garden s historical journey 2 news4social -

पक्षियों के 50 से ज्यादा प्रजातियों का बसेरा है

लोधी गार्डन दिल्ली का सबसे सुंदर उद्यान में से एक है. यहां आकर आपको सुकून, फ्रेशनेस और हरियाली से लबालब गार्डन देखने को मिलेगा. यहां पर पक्षियों के 50 से ज्यादा प्रजातियों का बसेरा है. यहां विभिन्न प्रकार के पक्षियों की तस्वीरों को पार्क के कई जगहों में लगाया गया ताकि लोगों को इसकी जानकारी मिल सकें.

यह भी पढ़ें: आखिर क्यों है पर्यटकों की घूमने की पहली पसंद ‘लोटस टेम्पल’

आखिर क्यों कहते है ऑक्सीजन टैंक

दिल्ली के लोधी गार्डन को एक बड़ा ऑक्सीजन टैंक कहा जाता है. इसके पीछे की वजह यह है कि यहां पर आपको कई प्रकार के पड़े-पौधे मिलेंगे. यहां पर आप सुबह और शाम के दौरान काफी लोगों को सैर करते हुए पाएंगे. देश के पहले उपप्रधानमंत्री और गृहमंत्री सरदार पटेल सुबह चार बजे लोदी गार्डन में सैर के लिए जाते थे. चारो तरफ हरियाली ही हरियाली छाई हुई है जिसके अनुरूप आपको फ्रेश एयर का जरुर आभास होगा. ये ही कारण है कि लोधी गार्डन ‘ऑक्सीजन टैंक’ कहा गया है.

lodi garden s historical journey 3 news4social -

कई प्रकार के औषधियां वाले पौधे

शायद ही आप जानते होंगे की लोधी गार्डन सिर्फ अपनी नेचुरल ब्यूटी के लिए नहीं बल्कि औषधियां के लिए भी खूब चर्चित है. यहां पर एक जगह है जहां पर आपको काफी सारे औषधियां वाले पौधे मिलेंगे. इन पौधे से आप साधारण बिमारियों का उपचार कर सकते है. लोधी गार्डन में झील के समीप एक जगह है जहां पर आपको काफी प्रकार के फूल नजर आएंगे. यह गार्डन ‘Rose Garden’ के नाम से जाना जाता है. यहां पर आपको काफी कई तरह के ‘Rose’ मिलेंगे.

कौन-कौन सा गुम्बद है 

अगर आप कभी लोधी गार्डन आओ तो बड़ा गुम्बद और शीश गुम्बद घूमना न भूले. दोनों ही गुम्बद लोधी गार्डन की शान है. दोनों आमने-सामने स्थित है. रात्रि में लाइट के चाका-चौंध के समय यह गुम्बद काफी खूबसूरत नजर आते है.