रणथंबोर दुर्ग में बनी गुप्त गंगा का क्या इतिहास है ?

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रणथंबोर दुर्ग में बनी गुप्त गंगा का क्या इतिहास है ?
रणथंबोर दुर्ग में बनी गुप्त गंगा का क्या इतिहास है ?

रणथंबोर दुर्ग में बनी गुप्त गंगा का क्या इतिहास है ? ( What is the history of Gupta Ganga built in Ranthambore fort? )

भारत का इतिहास बहुत ही गौरवशाली रहा है. अगर भारत की सबसे बड़ी और खुबशुरत विशेषता की बात करें, तो यहां कि विविधता यहां की सबसे बड़ी विशेषता हैं. यहां पर विभिन्न समुदाय , जाति , धर्म के लोग मिलकर रहते हैं. अगर आप देश के किसी भी कोने में चले जाएगें, तो आपको वहां विचित्र और खुबशुरत स्थल मिल जाएगें. भारत की इसी खुबशुरती के कारण लोगों के मन में इनके स्थलों की खुबशुरती तथा इतिहास के बारे में जानने की जिज्ञासा रहती है. जिसके कारण कई तरह के सवाल पैदा होते हैं. इसी तरह का एक सवाल जो आमतौर पर लोगों के द्वारा पूछा जाता है कि रणथंबोर दुर्ग में बनी गुप्त गंगा का क्या इतिहास है ? अगर आपके मन में भी ऐसा ही सवाल है, तो इस पोस्ट में इसी सवाल का जवाब जानते हैं.

Ranathabhor -
रणथंबोर दुर्ग

रणथंबोर दुर्ग में बनी गुप्त गंगा का इतिहास –

रणथंबोर दुर्ग का भारतीय इतिहा के नजरिये से बहुत अधिक महत्व है. इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि यूनेस्को ने इसे विश्व धरोहर घोषित किया हुआ है. यहां पर काफी देखने योग्य स्थल मौजूद हैं. यहां पर एक त्रिनेत्र गणेश जी का मंदिर है. इस मंदिर से ठीक 2 किलोमीटर की दूरी पर पहाडियों के दुर्गम रास्तों के बीच में गुप्त गंगा स्थिति है. इसके बारे में बहुत कम लोगों को जानकारी है. आपकी जानकारी के लिए बता दें कि यहां पर एक छोटा सा शिवलिंग भी मौजूद है. इसके साथ ही यहां माता पार्वती की मूर्ति भी स्थित है.

ranthambore fort -
रणथंबोर दुर्ग

गुप्त गंगा का एक रहस्य भी है, जो सबको आश्चर्य में डाल देता है. दरअसल, इसमें एक कुंड है. यह कुंड पूरे साल पानी का भरा रहता है. ऐसा बताया जाता है कि इस कुंड में एक छोटा सा सुराख है. जहां से इसमें पानी आता है. लेकिन यह रहस्य ही बना हुआ है कि यह पानी जाता कहां है. इसके साथ ही इसका सबसे बड़ा आश्चर्य यह भी है कि इस कुंड में पानी का कभी ओवरफ्लो नहीं होता है. काफी बार इसको जानने की कोशिश भी की गई. लेकिन इसके बारे में जानकारी हासिल नहीं हुई. लोगों का मानना है कि इसके निर्माण के समय से ही यहां यह पानी आता है.

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अगर रणथंबोर दुर्ग के निर्माण की बात करें, तो इसका निर्माण राजा सज्जन वीर सिंह नागिल ने करवाया था. लोगों का मानना है कि यहां पर गुप्त गंगा राजा राव हम्मीर के समय से ही मौजूद है. राजा राव हम्मीर इस दुर्ग के प्रतापी राजा थे. वो लगभग सवा 800 साल पहले राज करते थे. इसके रहस्य की बात करें, तो यह तो संभव हो सकता है कि रिसाव के कारण यहां पर पानी आ सकता है, लेकिन सवाल वहीं है कि इसका ओवरफ्लो क्यों नहीं होता.

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