सबसे विनाशकारी सुनामी कब और कहां आई ?

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सबसे विनाशकारी सुनामी कब और कहां आई ?
सबसे विनाशकारी सुनामी कब और कहां आई ?

सबसे विनाशकारी सुनामी कब और कहां आई ? ( When and where did the most devastating tsunami occur? )

वर्तमान समय में इंसान ने बहुत तरक्की कर ली है. प्रकृति से मानव के संघर्ष की कहानी लगातार जारी है. जिस स्थान पर रहने की कभी कल्पना भी नहीं की जा सकती थी , वहां पर मानव ने रहने का ठिकाना बना लिया है. प्रकृति और मानव के बीच के इस संघर्ष ने मानव ने भी कुछ सफलता पाई है. हालांकि यह भी सच है कि प्रकृति के सामने आज भी मानव कहीं ना कहीं विवश दिखाई देता है. इसी का सबसे बड़ा उदाहरण है – प्राकृतिक आपदाएं. इसी रोचक संघर्ष के कारण लोगों के मन में प्राकृतिक आपदों और इनके इतिहास से संबंधित कई तरह के सवाल होते हैं. इसी तरह का एक सवाल जो आमतौर पर पूछा जाता है कि सुनामी कब और कहां आई इसका साल और जगहों को बताए ? अगर आपके मन में भी ऐसा ही सवाल है, तो इस पोस्ट में इसी सवाल का जवाब जानते हैं.

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सुनामी

विनाशकारी सुनामी कब और कहां –

विनाशकारी सुनामी की बात करें, तो भारतीय इतिहास में 26 दिसंबर, 2004 का वो दिन बहुत ही विनाशकारी पल लेकर आया. दरअसल, 26 दिसंबर , 2004 को इंडोनेशिया के उत्तरी भाग में स्थित असेह के ऩिकट एक बहुत ही तेज भूकंप उठा. जिसकी तीव्रता रिक्टर पैमाने पर 8.9 मापी गई. इस भूकंप की वजह से आई सुनामी ने ना सिर्फ भारत बल्कि कई देशों को अपनी चपेट में ले लिया. इसकी वजह से लाखों की संख्या में जान गंवानी पड़ी. उस समय हमारा सबसे बड़ा दुर्भाग्य यह था कि हम विज्ञान के क्षेत्र में इतनी तरक्की नहीं कर पाए थे कि सुनामी से पूर्व कोई चेतावनी जारी कर दी जाएं. जिसके कारण आने वाली इस आपदा के बारे में किसी को कोई अंदाजा भी नहीं था. अगर ऐसा संभव होता तो, जान-माल के नुकसान में कुछ कमी की जा सकती थी.

australian agency confirmed tsunami alert in new zealand after 7 7 magnitude earthquake in south pacific -
सुनामी

वर्ष 2004 में आने वाली यह सुनामी सुबह के लगभग 7:58 मिनट पर आई. जिसके बारे में किसी को कोई अंदेशा नहीं था. जिसके कारण विदेशों से घूमने आने वाले पर्यटक भी वहां समुद्र के किनारे पर ही मौजूद थे. इसका प्रकोप सबसे अधिक दक्षिण भारत, श्रीलंका और इंडोनेशिया पर हुआ, इन देशों के अलावा सुनामी ने थाइलैंड, मेडागास्कर, मालदीव, मलेशिया, म्यांमार, सेशेल्स, सोमालिया, तंजानिया, केन्या, बांग्लादेश पर भी अपना कहर छोड़ा था. अगर ऐसी ही एक सुनामी की बात करें, तो हम कह सकते हैं कि आधुनिक युग की पहली सुनामी 1883 को आई थी. यह सुनामी भूंकप की वजह से नहीं बल्कि जावा और सुमात्रा के बीच में स्थित क्राकाटोआ ज्वालामुखी फटने की वजह से आई थी.

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अचानक आई इस सुनामी की भयानकता का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि लगभग 100 फीट ऊंची लहरें , अचानक आकर समुंद्र तटीय इलाकों से टकराई. इस सुनामी में कुल मिलाकर 2 लाख से अधिक लोगों को अपनी जान गंवानी पड़ी थी. तटीय इलाका पूरी तरह से समुद्र में डूब गया था. इसके साथ ही काफी लोगों को अपने विस्थापित होना पड़ा था. इससे प्रभावित लोगों से आज दशको बाद भी अगर इसकी चर्चा की जाती है, तो इसकी भयानकता के बारे में सोचकर आंखों में पानी आ जाता है.

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