नई दिल्ली: मोदी सरकार की तरफ से देश के युवाओं में अनुशासन और राष्ट्रवाद को बढ़ावा देने के लिए एक अहम योजना को जल्द ही शुरू किया जाएगा. दरअसल, मोदी सरकार हर साल देश के करीब दस लाख युवाओं को सैन्य प्रशिक्षण देने के प्रपोजल पर विचार-विमर्श कर रही है. भारतीय जनसांख्यिकी का फायद उठाने के लिए राष्ट्रीय युवा सशक्तिकरण योजना या N-YES स्कीम के अनुसार कक्षा 10वीं और 12वीं और कॉलेज में एडमिशन लेने वालों छात्रों को इस योजना से जोड़ेगी. इस योजना के लिए सरकार छात्रों को एक निश्चित स्टाइपेंड भी देगी और साथ ही साथ ही डिफेंस, पैरामिलिट्री और पुलिस सेवाओं में करियर बनाने के लिए यह ट्रेनिंग करना अनिवार्य होगा.
N-YES योजना के तहत आरक्षण देने की बात को किया उजागार
मीडिया से मिली जानकारी के अनुसार, पीएमओ कार्यलय ने इस प्रस्तावित योजना के संबंध में जून के अंत तक एक बैठक भी बुलाई थी. इस बैठक में डिफेंस मिनिस्ट्री, डिपार्टमेंट ऑफ यूथ अफेयर्स और मानव संसाधन मंत्रालय के लोग शामिल हुए थे. इस बैठक के दौरान कुछ अफसरों ने N-YES योजना के तहत आरक्षण देने की बात को उजागार किया था.
इस योजना के तहत युवाओं में राष्ट्रवाद, अनुशासन और आत्मसम्मान को बढ़ावा देने से
बताया जा रहा है कि इस योजना के तहत युवाओं में राष्ट्रवाद, अनुशासन और आत्मसम्मान को बढ़ावा देने से है. जिससे पीएम मोदी के न्यू इंडिया 2022 विजन को हासिल करने में मदद मिलेगी. युवाओं को सैन्य प्रशिक्षण के साथ ही सरकार वोकेशनल, आईटी स्किल और डिजास्टर मैनेजमेंट का भी प्रशिक्षण दिया जाएगा. इसके बवजूद उनको योग, आयुर्वेद और प्राचीन भारतीय दर्शन के मूल्यों की जानकारी व ट्रेनिंग दी जाएगी.
बता दें कि यह प्रशिक्षण एक साल का होगा. इस योजना में खासतौर पर ग्रामीण जगहों के युवा पुरुष और महिलाओं पर अधिक फोकस किया जाएगा. इस योजना के फाइनेंस को लेकर सरकार एनसीसी, स्किल डेवलेपमेंट मिनिस्टरी और मनरेगा योजना के फंड का इस्तेमाल करेगी.