सवाल 131- द्रौपदी ने कुत्तों की समूची जाति को श्राप क्यों दिया

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द्रौपदी ने कुत्तों की समूची जाति को श्राप क्यों दिया

लगभग सभी लोग यह जानते है कि कुत्ते खुले में ही सहवास की क्रिया करते है. जिसका कारण है कुत्तों को द्रौपती का श्राप, जी हां कुत्तो का ऐसा करना एक श्राप है. कुत्तों को महाभारत के काल से ही श्राप दिया गया था, आईए आपको बताते है कि इसके पीछे क्या कहानी थी.

बता दें कि जब अर्जुन द्रौपदी को स्वयंवर जीत कर उन्हें ब्याह कर कुटिया में लाए थे. तब अर्जुन ने कुंती से कहा कि “मां देखिए हम आपके लिए क्या लाए हैं, तब कुन्ती ने बिना देखे कह दिया कि “पांचों भाई आपस में बराबर बराबर बांट लो” शादी के बाद द्रौपदी अपने पांच पतियों के साथ रहने लगी थी, लेकिन वह एक समय किसी एक पांडव के साथ ही समय व्यतीत करती थी.

जब द्रौपति अपने कक्ष में किसी एक पांडव के साथ समय व्यतीत करती थी तो वह पांडव दरवाजे के सामने अपनी चरणपादुका रख देते थे. इससे दूसरे पांडव को पता चला जाता था कि कोई एक भाई द्रौपति के साथ अपने कक्ष में है, लेकिन एक दिन ऐसी घटना हो गई कि दरवाजे के पास रखें चरणपादुका को कुत्ता धूमते-धूमते मुंह में उठाकर दूर जंगल में ले गया.

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इस दौरान जब दूसरा भाई द्रौपदी के कक्ष की तरफ गए, तो उन्होंने यह देखा कि दरवाजे पर कोई भी चरणपादुका नहीं है, तो उन्हें लगा की द्रौपदी के कक्ष में कोई नहीं है. जिसके बाद उन्होंने देखा कि द्रौपती के कक्ष में उनके भाई के साथ अपने बिस्तर पर सोई हुई थी. यह देखकर तीनों ही शर्म से लज्जित हो गए. जिसपर द्रौपदी ने कहा की आपको बाहर दरवाजे पर चरणपादुका नहीं दिखे. तब उन्होंने जवाब कहा कि बाहर चरणपादुका नहीं थे इसलिए मैं आपके कक्ष में आया हू.

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जब बाहर चरणपादुका देखने गये तो वहां पर कोई चरणपादुका नहीं थे. तभी वहां पर मौजूद अर्जुन और भीम चरणपादुका को खोजने गए, तो उन्हें सारी सच्चाई पता चली. उन्होंने देखा की जंगल में कुछ कुत्ते उनके चरणपादुका से खेल रहे थे. यह सारी बाते जब अर्जुन और भीम ने द्रौपदी को बताया. जिससे क्रोधित होकर द्रौपदी ने कुत्तों को यह श्राप दिया कि जिस तरह से किसी ने मेरा सहवास देखा है. उसी तरह से पूरी दूनिया तुम्हारा सहवास होते हुए देखेगी. तभी से कुत्ते खुले में सहवास करते है.