विज्ञान और धर्म के अनुसार मानवों के पास केवल पांच ही इंद्रियां होती है. जो उन्हे स्वाद, गंध, स्पर्श आदि के बारे में महसूस कराती हैं. जो इस प्रकार है. नेत्र, नाक, जीभ, कान और त्वचा ये पांच इंद्रिया मानव के पास होती है, लेकिन कुछ ही ऐसे लोग होगें जो मानव की छठी इंद्री के बारे में जानते होगें. चलिए हम आपको छठी इंद्री के बारे में बताते है जोकि दिखाई नही देती है. लेकिन आपके अस्तित्व में आप उसे महसूस जरूर कर सकते है.
जब भी अचानक ही आपको आस पास अनहोनी की आशंका होने लगती हैं, या फिर अचानक ही किसी जगह से उठकर चले जाते हो क्योंकि वह जगह आपके अनुकूल नहीं होती हैं. यह छठी इंद्री का संकेत होता है यह हम सब के अंदर होती है. जिसे हम सिक्स्थ सेंस भी कहते है.
बता दें कि यह इंद्री सब में तो होती है, लेकिन हम सब में से बहुत से ऐसे लोग होते हैं. जिनकी यह इंद्री काम करती है. सिक्सथ सेंस दृष्टि, सूंघने की शक्ति, स्वाद, सुनने की शक्ति और स्पर्श के अलावा हमें पूर्वाभास कराने की क्षमता रखती है.
सिक्स्थ सेंस
वैज्ञानिकों का कहना है कि छठी इंद्री हर किसी मनुष्य में होती है और ये मानसिक चेतना से जुड़ी प्रक्रिया होती हैं. इसी तरह किसी भी व्यक्ति के भविष्य में होने वाली घटना चाहे वो खुद से सम्बंधित हो या परिवार वालों से, उसके बारे में पता चल जाता है.
कई ऐसे लोग होते है, जिनकों इसके बारे में पता होता है, लेकिन उन्हें यह नहीं मालूम नही होता है कि यह हमारे शरीर के किस हिस्से में होती है यह प्रश्न उनको विचलित करता है. बताते चले कि यह इंद्री हमारे कपाल के नीचे की तरफ एक कोमल छिद्र में पाया जाता है. जहां से सुपुम्ना नाड़ी रीढ़ से होती हुई मुलाधार तक जाती है. यही सुषपम्ना नााड़ी सात चक्रों और छोटी इंद्री का केंद्र मानी गई है.
आमतौर पर ऐसा कहा जाता है कि सिक्स्थ सेंस शिथिल रूप में होती है, लेकिन इसे कई तरीके से जगाया जा सकता हैं. जो व्यक्ति इसे अपने नियंत्रण में कर लेता है उसमे भविष्य में होने वाली घटनाओं का ज्ञात होता है वह अपने भविष्य में होने वाली घटनाओं के बारे में जान सकता है.
अगर किसी व्यक्ति की छठी इंद्री जागृत हो जाये तो उसे भविष्य में होने वाली घटनाओं का किसी ना किसी संकेत के रूप में पहले से पता चल जाता है. छठी इंद्री जागृत हो जाने पर हम दूसरे व्यक्तियों के मन के विचार भी जान सकते हैं और कई मीलों दूर बैठे व्यक्ति की बातें सुनने की भी शक्ति आ जाती है.
अगर किसी भी इंसान की सिक्स्थ सेंस पूरी तरह से एक्टिवेट हो जाये तो उससे संसार में कुछ भी छुपा नहीं रह सकता और ऐसे में उस व्यक्ति में अनंत क्षमताओं का विकास हो सकता है. जिनका हम अंदाजा भी नहीं लगा सकते.
छठी इंद्री सक्रिय करने के तरीके
प्राणायाम
छठी इंद्री को जागृत करने का एक उपाय प्राणायाम होता है. जिसके जरिये सुषुम्ना नाड़ी को सक्रिय किया जा सकता है. जिसके सक्रिय होने पर छठी इंद्री जागृत हो जाती है
ध्यान
हमारी दोनों भौहों की बीच वाली जगह पर अगर नियमित रूप से ध्यान केंत्रित किया जाये तो ऐसे में आज्ञाचक ही छठी इंद्री जाग्रत होने लगती है. अगर प्रतिदिन 30-45 मिनट तक ध्यान केंत्रित करे तो हमारी छठी इंद्री सक्रिय हो सकती है.
त्राटक क्रिया
त्राटक क्रिया के जरिये भी आप अपनी छठी इंद्री को सक्रिय कर सके हैं इसके लिए आप अपनी क्षमता के अनुसार जितनी देर तक संभव हो बिना पलक झपकाए किसी एक बिंदु या जलती हुई मोमबत्ती को देखे फिर अपनी आंखे बंद कर ले.
योग निद्रा
योग साधना से भी आप अपनी छठी इंद्री जागृत कर सकते हैं. इसके लिए आँख बंद कर एक एक कर अपने शरीर के सभी अंगों पर ध्यान केंद्रित कीजिये और उनमें होने वाली क्रियाओं को महसूस कीजिये. बाहरी दुनिया से ध्यान हटा लीजिये और ऐसा महसूस कीजिये की आपके शरीर के सभी अंग शिथिल हो चुके हैं.
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अब आप जान गए होगें कि छठी इंद्री क्या होती है और इसे कैसे सक्रिय किया जा सकता है. तो बस आज से ही इन अभ्यासों को जारी करें और हो सकता है कुछ समय में ही आपकी छठी इंद्री सक्रिय हो जाये. इसके बाद आप भी भविष्य में होने वाली घटनाओं का पूर्वाभास कर सकते हैं.
आशा करते है कि आप सभी को इस प्रश्न का उत्तर मिल गया होगा. आप लोग ऐसे ही प्रश्न पूछते रहिए हम उन प्रश्नों के उत्तर आपको खोजकर देंगे. आप कमेंट बॉक्स में अपनी राय और कमेंट करके अपने प्रश्नों को पूछ सकते है. इस सवाल को पूछने के लिए आपका धन्यवाद