बुंदेलखंड में मतदाता छोड़ रहे है गाँव

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टीकमगढ़: मध्य प्रदेश के बुंदेलखंड में चुनाव के मौसम में भी पलायन का सिलसिला जारी है . बड़ी संख्या में हो रहे पलायन के कारण २८ नवम्बर को होने वाले मतदान में असर पड़ने की सम्भावना बानी हुई है.

बुंदेलखंड में आने वाले किसी भी रेलवे स्टेशन या बस अड्डे पर सिर पर बोरी रखे सैकड़ों परिवार मिल जाते है. वे सिर्फ इसलिए पलायन कर रहे है क्योंकिकाम है नहीं और खेती का कोई काम नहीं है अब सिर्फ उनके लिए पलायन ही रास्ता बचा है. दमोह के रेलवे स्टेशन के बाहर बटियागढ़ से जा रहे कालूराम और उनके साथी बस एक ही रट लगाए हुए हैं कि “क्या करें.. रोजगार है नहीं, खेती में कोईकाम अभी नहीं है, दूसरी ओर ठेकेदारों के काम बंद पड़े हैं। ऐसे में उनके लिए दिल्ली और दूसरे स्थानों पर जाने के अलावा केाई रास्ता नहीं है।”

VOTERS LEAVING VILLAGES OF BUNDELKHAND MADHYA PRADESH 1 news4social -

कटेरा गांव टीकमगढ़ जिले की लगभग एक तिहाई आबादी गांव छोड़ गई है, कई घरों में बुजुर्ग लोग ही हैं। कमल लोधी बताते हैं, “गांव में पलायन होनाआम बात है, त्योहार के समय आते हैं और फिर वापस चले जाते हैं, अभी वही हाल है, 550 की वोटिंग वाले इस गांव से लगभग 150 लोग बाहर है। यहां कोईकाम है नहीं, बाहर न जाएं तो करें क्या, मजबूरी है।” खुमान सिंह बताते हैं कि गांव के लोगों को तो काम चाहिए, बगैर काम के जीवन चल नहीं सकता। विकास काम रुके पड़े हैं, नियमित रूप से काम मिलतानहीं, जिसके चलते लोग गांव छोड़ने को मजबूर हैं। बुंदेलखंड में तो पलायन आम है।

गांव के लोग बताते हैं कि दिवाली पर बड़ी संख्या में लोग त्योहार मनाने आए थे, भाईदूज तक रुके भी, जब यहां कोई काम मिलता नजर नहीं आया तोपरिवार के परिवार फिर गांव छोड़ गए हैं। वजह यह है कि इस समय खेती का कोई काम नहीं है, वहीं चुनाव होने के कारण सरकारी और निजी अधिकांशनिर्माण कार्य रुके पड़े हैं। काम मिल जाता तो लोग रुके रहते, मगर ऐसा नहीं था, इसलिए बाहर चले गए।

सामाजिक कार्यकर्ता मनोज बाबू चौबे कहते हैं कि बुंदेलखंड में रोजगार की अनुपलब्धता एक बड़ी समस्या है, खेती के लिए पर्याप्त पानी नहीं मिलता, जिसके चलते बड़ी मात्रा में जमीन खाली पड़ी रहती हैदूसरी तरफ, अन्य कोई काम ऐसा नहीं है जिसके जरिए वे अपना उदर पोषण कर लें, जिसके चलते बड़ी संख्या में घर छोड़ जाते हैं अब चुनाव है, जिससे मतदान का प्रतिशत सामाजिक कार्यकर्ता मनोज बाबू चौबे कहते हैं कि बुंदेलखंड में रोजगार की अनुपलब्धता एक बड़ी समस्या है, खेती के लिए पर्याप्त पानी नहीं मिलता, जिसके चलते बड़ी मात्रा में जमीन खाली पड़ी रहती हैदूसरी तरफ, अन्य कोई काम ऐसा नहीं है जिसके जरिए वे अपना उदर पोषण कर लें, जिसके चलते बड़ी संख्या में घर छोड़ जाते हैं अब चुनाव है, जिससे मतदान का प्रतिशत प्रभावित होने की संभावना को नकारा नहीं जा सकता।