कंस ने कहा “मैं नहीं मरूँगा कलयुग में”: मौदहा

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उत्तर प्रदेश के मौदहा में पिछले 150 साल से कंस वध मेले का आयोजन किया जा रहा है. लेकिन इस बार मेले में हुई हिंसा से मौदहा  में माहौल बिगड़ गया है. जहां एक तरफ इलाके में इंटरनेट सेवा रोक दी गयी है वही स्कूल और कॉलेजों के दरवाजों पर भी ताले जड़ें हुए है. इलाकें में माहौल बेहद ही तनाव पूर्ण है. दोनों पक्षों के बीच फैली इस हिंसा से लोगों के मन में दहशत का माहौल बना हुआ हैं. जहाँ एक और इलाके की सभी दुकाने बंद है वही लोग अपने घर में ही नज़रबंद हो कर रह गए है. हालात इतने ख़राब है की फ़ोर्स को मौदहा  में फ्लैग मार्च करना पड़ रहा है.

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कंस मेले की झांकियों के रास्ते को लेकर शुरू हुआ था विवाद

दरअसल आढ़तिया संघ विगत पिछले डेढ़ सौ सालों से कंस वध मेले का आयोजन करता आ रहा है. यह मेला तीन दिन तक चलता है. लेकिन शायद इस बार मेले को किसी की नज़र लग गई हैं

बता दे की विवाद तब बड़ा, जब एक समुदाय द्ववारा शोभायात्रा के देवी चौरह पर से निकलने का कुछ युवाओं ने विरोध करना शुरू कर दिया. उसके बाद आढ़तिया संघ के लोगों और पुलिस ने दुसरे पक्ष को समझानें की बहुत कोशिशें भी की लेकिन वह अपनी बात पर अड़े रहे. हालांकि मामले ने तूल तब पकड़ा जब भाजपा सांसद पुष्पेंद्र सिंह चंदेल अपने करीब 1500 समर्थकों के साथ घटना वाली जगह पर पहुच गए और उसी बीच कुछ शरारती तत्वों ने वहां मौजूद पुलिस पर पत्थरबाजी शुरू कर दी. लोगों के आक्रोश को शांत कराने के लिए पुलिस द्वारा लाठीचार्ज व आंसू गैस के गोलें भी छोड़ो गए जिसमे कई लोगों बुरी तरह से घायल गए.

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तनाव की वजह से लोग नहीं ले पा रहे है रोज़मर्रा की चीज़े

इलाक़े में हालात बेशक अभी शांत है लेकिन तनाव अभी भी बना हुआ है. पुलिस की कार्यवाही के विरोध में बुधवार को कस्बे में लगभग अधिकांश बाज़ार बंद ही रहे. इसके अलावा सड़को पर से वाहन भी नदारद रहे. वही दूधियों के कस्बे में ना आने की वजह से लोगों को चाय और बच्चों को दूध की किल्लत का सामना करना पड़ा. इलाकें में कुछ दिखाई या फिर सुनाई दे रहा है तो वह है पुलिस की गाड़ियो के साइरन.

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बताया जा रहा है इलाके में आपसी भाई चारा बिगाड़ने के लिए प्रयास किया गया है. जहा एक और लोग हिंसा को लेकर आक्रोशित है वही लोगों के मन में निराशा भी है क्यूंकि हर साल कंस वध मेला बड़ी ही धूम-धाम से मनाया जाता है. ऐसें में यह सवाल उठना लाज़मी है की इस साल इतने बुरे हालात कैसे और क्यों बन गए ?

बरहाल प्रशासन को जरुरत है की वह शरारती तत्वों पर जल्द से जल्द कारवाई करे ताकि  इलाकें में स्थिति सामान्य की जा सके.