आज मोदी सरकार से किसानों को मिलेगी राहत या फिर बनी रहेगी उनकी आफत

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नई दिल्ली: बीते दिन यानी मंगलवार को देशभर के किसानों का आक्रोश अपने चरम पर देखने को मिला. चुनाव होने से पहले ही सरकार के प्रति किसानों का विरोध काफी बार देखा जा चुका है. इसी विरोध को देखते हुए मोदी सरकार ने किसानों की सात मांगों को स्वीकार कर लिया है.

जानकारी के अनुसार, केंद्र सरकार जल्द ही गेहूं और चना समेत 6 रबी फसलों का न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) बढ़ा सकती है. इस पर मुहर आज मोदी कैबिनेट की अहम मीटिंग के दौरान लगाई जाएगी.

सरकार इन फसलों की एमएसपी में बढोत्तरी कर सकती है

जानकारी के मुताबिक, सरकार इस अहम बैठक के दौरान इन तमाम फसलों की एमएसपी में इजाफा कर सकती है. गेहूं की एमएसपी 105 रुपये बढ़ाकर 1840 रुपये का सरकार का प्रस्ताव है. जौ की एमएसपी 30 रुपये बढ़ाकर 1440 रुपये करने की, मसूर की एमएसपी 225 रुपये बढ़ाकर 4475 रुपये करने की, सूरजमुखी की एमएसपी 845 रुपये बढ़ाकर 4945 रुपये और चने की एमएसपी 220 रुपये बढ़ाकर 4620 रुपये करे जाने की आशंका है.

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किसानों के साथ-साथ सरकार को भी फायदा

अगर आज इस अहम बैठक के दौरान रबी फसलों के एमएसपी वाले प्रस्ताव की बढोत्तरी को मंजूरी मिल जाती है तो इसका सीधा-सीधा फायदा जहां एक तरफ किसानों को होगा, वहीं इसका लाभ केंद्र की सरकार को भी मिलेगा, क्योंकि जल्द ही आगामी लोकसभा चुनाव होने वाले है, इस प्रस्ताव की हामी से किसान भाई लोगों को तो फायदा मिलेगा ही, वहीं सरकार को भी उसका चुनावी समीकरण के आधार से फायदा मिल सकता है.

बजट 2018-19 में केंद्र सरकार ने एमएसपी की उत्पादन लागत का डेढ़ गुना करने की घोषणा की थी

आपको बता दें कि बजट 2018-19 में केंद्र सरकार ने का न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की उत्पादन लागत का डेढ़ गुना तय करने का निर्णय लिया था. इस साल जुलाई में ही धान और खरीफ फसलों के एमएसपी में बड़ी वृद्धि की गई थी और अब माना जा रहा है कि सरकार इस बैठक में रबी फसलों के एमएसपी में भी जल्द बढ़ोतरी कर सकती है.

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क्या है मांगें

बता दें कि स्वामीनाथन आयोग की सिफारिशें लागू करने समेत विभिन्न मांगों को लेकर किसानों ने 2 अक्टूबर यानी गांधी जयंती के दिन विरोध प्रदर्शन किया था. किसानों की सरकार से 15 मांगें थीं, जिसमें से 7 मांगों को सरकार ने स्वीकार भी कर लिया है. इन मांगों में फसलों के उचित दाम, मनरेगा को कृषि से जोड़ने, फसल खरीदने की गारंटी समेत कई अन्य मांगें शामिल है.