जाने क्यों मुगल शासक ने कटवा दिए इन मूर्तियों के सिर?

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जाने क्यों मुगल शासक ने कटवा दिए इन मूर्तियों के सिर?
जाने क्यों मुगल शासक ने कटवा दिए इन मूर्तियों के सिर?

900 साल पुराना एक मंदिर लखनऊ से 170 किलोमीटर दूर प्रतापगढ़ के गोंडा गांव में स्थित है. ऐसा कहा जाता है कि इस मंदिर को अष्टभुजा धाम मंदिर के नाम से जाना जाता है. यही नहीं यह भी कहां गया है कि यहां की मूर्तियों के सिर मुगल शासक औरंगजेब ने कटवा दिए थे. इसके बाद से आज तक ये मूर्तियां वैसी की वैसी ही हैं.

भारतीय पुरातत्व के मुताबिक ऐसा कहा जाता है कि औरंगजेब ने वर्ष 1699 में हिंदू मंदिरों को तोड़ने के आदेश दिए थे. उस समय में इन्हें बचाने के लिए यहां के पुजारी ने मंदिर का मुख्य द्वार मस्जिद की तरह बनवा दिया था, ताकि मुगल सैनिकों को यह भ्रम हो जाए कि यह मंदिर नहीं मस्जिद है और मंदिर टूटने से बच जाए. 2007 में दिल्ली से आए कुछ पुरातत्वविदों ने इसे 11वीं शताब्दी का मंदिर बताया था. इतिहास के अनुसार ऐसे मंदिर सिन्धु घाटी सभ्यता में होते थे.

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ऐसा कहा जाता है कि मुगल सेना को इस मंदिर का मुख्य द्वार देखने के बाद भ्रम हो गया था और वो यहां से लगभग आगे निकल ही गए थे, लेकिन अचानक एक सेनापति की नजर मंदिर में टंगे घंटे पर पड़ गई. जिसके बाद में सेनापति ने अपने सैनिकों को भेजकर इस मंदिर में स्थापित मूर्तियों के सिर कटवा दिया.

इस मंदिर के मुख्य द्वार पर विशेष भाषा में कुछ लिखा हुआ है, लेकिन इस भाषा को आज तक कोई भी समझ नहीं पाया. इतना ही नहीं इसे समझने के लिए कई पुरातत्वविदं और इतिहासकार भी फेल हो गए थे. आज भी ऐसा ही हो रहा है.

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वहीं लोगों का कहना है कि मंदिर को तोड़ने के आदेश मुगल बादशाह औरंगजेब ने 1699 ई. में दिया था. जिसे बचाने के लिए एक पुजारी ने इसके द्वार को मस्जिद के आकार में बदल दिया था. जिससे मुगल सैनिको को भ्रम हो जाए कि यह मंदिर है. जैसे ही मुगल सैनिको को इसके बारें में पता चला तो उन्होंने वहां पर मौजूद सभी मुर्तियों के सिर काट कर अलग कर दिए. इतना ही नहीं वहां पर आज भी मंदिर की मूर्तिया वैसी ही बिना सिर के देखने को मिलती है.