नई दिल्ली: महात्मा गांधी अहिंसा के परिचायक थे. वे भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन के एक मुख्य राजनैतिक एवं आध्यात्मिक नेता थे. वे सभी को सत्य के मार्ग में चलने की सलाह देते थे. महात्मा गांधी जी ने अहिंसा के मार्ग पर चलकर ब्रिटिश शासन के खिलाफ अपनी आवाज उठाई थी.
मंगलवार को गांधी जी की 150वीं जयंती है
बापू का पूरा नाम मोहनदास करम चंद गांधी है और उनका जन्म 2 अक्टूबर,1869 को पोरबन्दर, गुजरात में हुआ था. महात्मा गांधी को महात्मा की उपाधि रवीन्द्र नाथ टैगोर ने दी थी और ये ही नहीं रवीन्द्र नाथ टैगोर को गुरुदेव की उपाधि गांधी जी ने दी थी. महात्मा गांधी तमाम लोगों के लिए शांति और अहिंसा का प्रतिक माने जाते है. बता दें की कल यानि मंगलवार (2 अक्टूबर 2018 ) को गांधी जी की 150वीं जयंती है. इस अवसर पर बापू को राजघाट में तमाम बड़े नेताओं द्वारा श्रद्धांजलि अर्पित की जाएगी.
तो चलिए आज हम इस आर्टिकल द्वारा बापू से जुड़े कुछ ऐसे अनसुनी कहानियों के बारे में आपको अवगत करते है, जिसे आप शायद ही जानते हो…..
उनका उद्देश अहिंसा, ईमानदार और स्वच्छ प्रथाओं के तहत एक नए समाज का निर्माण करना था
गांधी जी को न सिर्फ भारत में बल्कि पूरे विश्व में विशेष ख्याति प्राप्त है. उन्होंने भारत को आजादी दिलाने के लिए अंग्रेजों के खिलाफ काफी संघर्ष किया. उनका उद्देश अहिंसा, ईमानदार और स्वच्छ प्रथाओं के तहत एक नए समाज का निर्माण करना था.
अंतिम यात्रा
आपको शायद ही यह पता हो कि बापू की अंतिम यात्रा आठ किलोमीटर तक चली थी.
18 किलोमीटर पैदल चलते थे बापू
ईमानदारी की मिसाल कयाम करने वाले महात्मा गांधी हर रोज 18 किलोमीटर पैदल यात्रा करते थे. इसके अनुसार गांधी जी पूरी दुनिया के दो चक्कर लगा सकते थे.
पांच बार नोबेल पीस प्राइज
ये ही नहीं महात्मा गांधी जी को पांच बार नोबेल पीस प्राइज के लिए नामांकित भी किया गया था.
आजादी के रात उपस्थित नहीं थे
स्वतंत्रता दिवस की रात गांधी जी नेहरु जी के भाषण सुनने के लिए मौजूद नहीं थे क्योंकि उस दिन वह उपवास पर थे.
गांधी जी को सम्मान देने के लिए स्टीव जॉब्स गोल चश्मा पहनते
गांधी जी को सम्मान देने के लिए एप्पल के संस्थापक स्टीव जॉब्स गोल चश्मा पहनते थे.
कोई भी राजनीतिक पद नहीं
बता दें कि महात्मा गांधी एक ऐसे शख्स थे जो राजनीती में तो थे लेकिन आज तक उन्होंने अपने जीवन के कार्यकाल में कभी भी कोई भी राजनीती पद नहीं लिया.
1893 में साउथ अफ्रीका के स्टेशन से फेंका
7 जून 1893 में महात्मा गांधी को साउथ अफ्रीका के पीटरमेरित्जबर्ग स्टेशन पर ट्रेन से फेंका गया था उस दौरान बापू रंगभेद का शिकार हुए थे. इसके बाद उन्होंने वह पर रंगभेद के खिलाफ अपना आंदोलन चलाया.
बापू के नाम से 53 मुख्य मार्ग
गांधी जी के नाम से भारत में 53 मुख्य मार्ग है जिसके बारे में शायद ही आपको पता हो. जबकि विदेश में 48 सड़के है.
नकली दांत
महात्मा गांधी नकली दांत लगते थे, जिसे वह अपने कपड़े में रखते थे.
सिविल राईट मूवमेंट
गांधी के इस सिहासी कदम की वजह से चार कॉटिनेंट और 12 देशों में सिविल राइट मूवमेंट शुरू किए गए थे.
फूटबाल क्लब किया स्थापित
बापू एक सख्त क्रांतिकारी थे उनके इस जज्बे ने डरबन, प्रीटोरिा और जॉहिनसबर्ग में फुटबाल क्लब स्थापित करने में मदद की थी, जिनके नाम पैसिव रेसिस्टर्स सॉकर क्लब है.
प्रख्यात हस्तियों से की मुलाकात
महात्मा गांधी ने हिटलर, आइंस्टीन, आइंस्टीन समेत कई प्रसिद्ध शख्सियतों से मुलाकात तक की है.
तो यह थे गांधी जी से जुड़े कुछ रोचक और हैरतअंगेज बातें. उनकी समाधि पर राष्ट्रपति और भारत के प्रधानमंत्री की उपस्थिति में प्रार्थना आयोजित की जाती है. इस दिवस को पूरे भारत में अंतर्राष्ट्रीय अहिंसा दिवस के रूप में भी आयोजित किया जाता है. कल राष्ट्रीय अवकाश भी होता है. भारत में कई जगहों पर लोग गांधी जी के प्रसिद्ध गीत “रघुपति राघव राजा राम” को गाते हैं, प्रार्थना करते हैं.