सुप्रीम कोर्ट ने एलजी को लगाई कूड़े के ढेर पर फटकार, पूछा काम क्या किया

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नई दिल्ली: दिल्ली में कूड़ा प्रबंधन के मामले की सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने एलजी अनिल बैजल को फटकार लगाई है. इस मामले पर कोर्ट ने उनसे स्टेटस रिपोर्ट मांगी है. आज एलजी की ओर से सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दिया गया. उप राज्यपाल ने कहा है कि कचरा प्रबंधन के लिए निगम जिम्मेदार है, हम इस पर निरंतर मीटिंग कर रहें है. इस दौरान उन्होंने आर्टिकल 239A का हवाला भी दिया. पर इसको लेकर सुप्रीम कोर्ट संतुष्ट नजर नहीं आ रहीं है. इस पर कोर्ट ने कहा कि आप 25 बैठक करते है या 50 कप चाय पीते है इससे हमें कोई मतलब नहीं है.

सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार से पूछा है कि हमें एक्शन की टाइम लाइन सुनिश्चित करें

इस पर सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार से पूछा है कि हमें एक्शन की टाइम लाइन सुनिश्चित करें. इसके लिए अपने 25 बैठक की हो यह पचास कप चाय पी हो, इससे हमें कोई मतलब नहीं है. आप लोगों ने मीटिंग की है तो हमें टाइमलाइन और स्टेटस रिपोर्ट पेश करें. सुप्रीम कोर्ट ने आगे कहा कि हर मामले को लेकर मुख्यमंत्री को न लाए. आपको सिंपल अंग्रेजी में ये बताना है कि कूड़े के पहाड़ कब हटेंगे.

Lt governer -

याचिकाकर्ता में साफ तौर पर बताया गया है कि बैठक में तय हुआ था कि हर दिन दो बार सफाई होगी, जो भी अधिकारी इस मामले में जिम्मेदार है उनके नाम वेबसाइट पर होना चाहिए. साथ ही साथ सजा का प्रावधान भी होना चाहिए. याचिकाकर्ता का कहना है कि सफाई के बैठक के वक्त भी न तो उपराज्यपाल खुद आए न ही अपना कोई नुमाइंदा भेजा. इसमें सुप्रीम कोर्ट ने व्यंग्यात्मक तरीके से कहा कि और ये कहते है I AM THE SUPERMAN.

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ASG पिंकी आनंद का बयान

इस पर अदालत ने कहा कि हलफनामे में एलजी ने अधिकार और जिम्मेदारी की बात की है कचरा और सफाई के मुद्दे उनकी जिम्मेदारी है या नहीं? कोर्ट के इस सख्त रुख पर सरकार की ओर से ASG पिंकी आनंद ने कहा कि हाँ, एलजी को डायरेक्शन जारी करने का अधिकार है. जिस पर कोर्ट ने जवाब मांगा है कि ये बताएं कि अभी तक उन्होंने कितने अधिकार जारी की है.