चावल का गलत तरीके से सेवन करना, शरीर के लिए हो सकता नुकसानदेह

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चावल का गलत तरीके से सेवन करना, शरीर के लिए हो सकता नुकसानदेह

चावल खाना सभी लोग पंसद करते है. कभी भी किसी भी तरीके से हम चावल को अपने भोजन के रूप में प्रयोग कर लेते है, लेकिन बहुत ही कम लोग जानते है कि यह हमारे शरीर को नुकसान पहुंचाता है. कुछ लोग ऐसे भी होते है, जो चावल बहुत कम खाते है, लेकिन चावल से बनी चीजों का सेवन करते है. चावल खाना केवल शरीर के वजन को ही नही बढ़ाता है, बल्कि किसी अन्य वजहों से भी बेहद नुकसानदेह है. इसलिए चावल खाने में दोष नहीं है, बल्कि गलत तरीको से खाने पर इसका नुकसान ज्यादा होता है.

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चावल से शरीर को कई पोषक तत्व मिलते हैं. इसमें भरपूर मात्रा में विटामिन, फाइबर, नियासिन, कैल्शियम, आयरन जैसे पोषक तत्व भरे हैं. तो आइए जानें चावल में ऐसा क्या है जो इसे जहरीला बनाता है और इसे कैसे पकाना चाहिए.


बता दें कि चावल में कई केमिकल्स होते हैं. वैसे अगर बात करे अन्य फसलों की, तो ज्यादातर फसल में केमिकल्स होते हैं. दूषित पानी और कीटनाशक के कारण फसलों में भी हानिकारक तत्व मिक्स हो जाते हैं. यही वजह है कि फसल भी जहरीली हो जाती है.

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यदि आप लम्बे समय से ऐसे फसलों को अपने भोजन के रूप में प्रयोग कर रहे हो, तो कैंसर जैसी बीमारी तक का खतरा हो सकता है. इंग्लैंड में क्वींस यूनिवर्सिटी बेलफ़ास्ट में हुए शोध में ये बात सामने आई कि मिट्टी में औद्योगिक विषाक्त पदार्थों और कीटनाशक केमिकलस युक्त पदार्थ मिल जाते हैं.


आर्सेनिक एक केमिकल है, इसे फसलों पर प्रयोग किया जाता है, जो सल्फर और धातुओं के संयोजन में पाया जाता है, जिससे फसले जहरीली हो जाती है और ये सेहत के लिए हानिकारक हो जाती है.

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ऐसे रोकें आर्सेनिक जहर का खतरा

आर्सेनिक जहर को खत्म करने का सबसे अच्छा तरीका है. उसे लंबे समय तक भीगो कर रखना. यानी चावल को बनाने से पहले यदि रात भर भिगो कर अगले दिन बनाया जाए तो इससे उसके आर्सेनिक तत्व खत्म हो जाते हैं. भीगे हुए चावल के पानी में सारे आर्सेनिक तत्व आ जाते हैं. चावल जब पुन धोया जाता है तो इसमें से टॉक्सिन का लेवल लगभग 80 प्रतिशत तक कम हो जाता है.

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अगर आप चावलों का प्रयोग अपने भोजन के रूप में करते है, तो कम से कम 12 घटों तक भीगा कर रखना चाहिए, ताकि वह केमिकल से मुक्त हो सके