सवाल 67 – भारत में अजब-गजब कानून कौन-से हैं?

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दोस्तों और प्यारे साथियों आज एक बार फिर से आप लोगों के सवालों का जवाब देने के लिए हम आपकी सेवा में हाज़िर हो गए हैं। दरअसल, आप में से कुछ लोगों ने सवाल पूछा है कि भारत में अजीब क़ानून कौन-से हैं ? वाकई में यह सवाल अच्छा है क्योंकि हिन्दुस्तान में अधिक संख्या में क़ानूनों की भरमार है। ऐसे में कुछ अजीब-ओ-ग़रीब कानून भी यहां मौजूद हैं। तो चलिए जानते हैं ऐसे ही कुछ अजीब क़ानूनों के बारे में।

1- आईपीसी धारा, 309 – दरअसल, अजीब कानून की फेहरिस्त में सबसे पहला कानून आईपीसी की धारा 309 है, जिसे अपराध के दायरे से बाहर रखा गया है। अगर आप आत्महत्या करने की कोशिश करते हैं तो वह क़ानून की नज़र में जुर्म नहीं है।। विधि योग ने सबसे पहले 1961 को इस धारा को हटाने की सिफारिश की थी, लेकिन इसका कोई हल नहीं निकला फिलहाल इसके तरह आत्महत्या की सज़े का भी प्रावधान है। दरअसल, भारतीय कानून मानता है कि मनुष्य के शरीर में उसके हक के अलावा उसके परिवार वालों का हक भी है।

2- भारतीय वयस्कता अधिनियम, 1875ये कानून भी काफी अजब और हास्यपद है। दरअसल, इस कानून के मुताबिक एक आदमी को शादी करने के लिए 21 साल का होना ज़रूरी है। वहीं इस कानून में हास्यपद बात यह है कि कोई भी शख्स किसी बच्चे को गोद लेकर बाप बनना चाहता है तो वह ऐसा 18 साल की उम्र में भी कर सकता है। भारत के इस तरह के कानून जिनका कोई बोध नहीं है और ये वाकई अजब-गजब हैं।

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3- एफआरसीए, 2010– इस बात सुनकर आपको हैरानी होगी कि किसी त्योहार के मौके पर अगर आप किसी कंपनी से गिफ्ट लेते हैं तो यह अपराध की श्रेणी में आता है। इस अपराध के लिए आपको सज़ा भी हो सकती है। यह प्रावधान एफआरसीए, 2010 के क़ानून के तहत किया गया है।

4- भारतीय खजाना निधि अधिनियम, 1878– अगर आपको कभी आते-जाते वक्त सड़क पर नोट पड़ा मिलता है तो आपको इस कानून के तहत उस शख्स को ढूंढना होगा जिसका यह नोट है वरना तो मिले हुए नोट की जानकारी अपने इलाके के पुलिस थाने में ही देनी पड़ेगी।

5- पूर्वी पंजाब कृषि कीट, रोग और हानिकारक खरपतवार लॉ, 1949– भारत का ये कानून भी काफी अटपटा है अगर आप दिल्ली के निवासी हैं और अपने शहर में बढ़ती टिड्डियों की समस्या से परेशान हो गए हैं तो इसके लिए आपको सड़क पर ड्रम बजाने के लिए बुलाया जा सकता है। ये सुनने में वाकई काफी अटपटा लगता है, लेकिन हैरानी की बात तो यह है कि अगर आपने इस आदेश का पालन करने से मना कर दिया तो आपके ऊपर 50 रुपये का जुर्माना या कम से कम 10 दिनों की जेल हो सकती है।

6- भारतीय डाकघर अधिनियम, 1898– आपको भारत के इस कानून के बारे में भी जानकर हैरानी होगी क्योंकि इस अजीब कानून के मुताबिक़, सिर्फ भारत सरकार ही पत्र वितरित कर सकती थी। हैरानी की बात यह है कि इस कानून के तहत भारत में सभी तरह की कूरियर कंपनियों का बिज़नेस गैर कानूनी था। ये हास्यपद भी है कि कबूतरों के माध्यमों से पत्र भेजना भी गैर-कानूनी था। लेकिन अब इस नियम को बदल दिया गया है।

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आशा करता हूं कि आप सभी को इस सवाल का जवाब मिल गया होगा। आप लोग ऐसे ही सवाल पूछते रहिए हमउन सवालों के जवाब आपको खोजकर देते रहेंगे। आप कमेंट बॉक्स में अपनी राय और कमेंट करके अपनेसवाल पूछ सकते है। इस सवाल को पूछने के लिए आपका धन्यवाद।

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