कैसा लगता होगा किसी को भी ये सुनकर की किसी लड़के नें सिर्फ़ 18 साल की उम्र में एक ऐसी सफ़लता हासिल की है जिसके बारे में शायद उसकी उम्र उसकी सफ़लता के साथ इंसाफ़ न करें। कैसे लगता होगा उस युवा लड़के को जिसनें अपने जीवन में अभी तक यह नहीं सोचा है की उसे आने वाले वक्त में अपने जीवन में क्या करना है और वे यह सुन ले कि उसी के उम्र के एक युवा नें भारत के लिए अपना पहला टेस्ट मैच खेलते हुए शतक जड दिया है।हां, यह सच है। मुंबई के इस 18 साल के लड़के पृथ्वी शॉ नें अपने पहले टेस्ट की पहली पारी में शतक लगाकर दुनिया को अपना टेलेंट दिखा दिया है।
वेस्टइंडीज के ख़िलाफ़ लगाया अपना पहला टेस्ट शतक
अपने पहले टेस्ट में पृथ्वी शॉ को ओपनिंग करने को मिली। शायद सभी को लगा होगा की महज 18 साल का यह युवा बल्लेबाज टेस्ट में भारत के लिए किस तरह से ओपनिंग कर पाएगा। लेकिन पृथ्वी शॉ नें टीम, चयनकर्ता और कप्तान को निराश नहीं किया। उन्हनों महज 56 गेंदों में अपना अर्धशतक लगाया। इसके बाद पृथ्वी शॉ नें पिछे मुड़कर नहीं देखा और अपना पहला टेस्ट शतक बनाया।
शतक लगाने वाले सबसे कम उम्र के क्रिकेटर बनें
पृथ्वी शॉ भारत के लिए सबसे कम उम्र में अपने पहले टेस्ट में शतक लगाने वाले बल्लेबाज बन गए है। पहले टेस्ट में शतक लगाने के मामले में वे दुनिया के 104वें और भारत के 15वें क्रिकेटर बन गए है। अपने पहले टेस्ट में शतक लगाने वाले पहले भारतीय बल्लेबाज लाला अमरनाथ थे जिन्होंने 1933 में इंग्लैंड के ख़िलाफ़ 118 रनों की पारी खेली थी।
पृथ्वी शॉ की जिंदगी से जुडी कुछ बातें
महज 18 साल की उम्र में टेस्ट शतक जड़नें वाले पृथ्वी शॉ नें अपनी मां को सिर्फ़ चार साल की उम्र में खो दिया था। अपनी माँ की मृत्यु के बाद वे मुंबई के बाहरी इलाके विरार में पले पढ़े। क्रिकेट में करियर बनाने के लिए आठ साल की उम्र में उनका दाखिला बांद्रा के रिज़वी स्कूल में किया गया था।
14 साल की उम्र में कांगा लीग की ए डिविजन में शतक ज़डने वाले सबसे कम उम्र की क्रिकेटर बने। दिसंबर 2014 में अपने स्कूल के लिए उन्होंने 546 रन का रिकॉर्ड बनाया। पृथ्वी शॉ मुंबई अंडर-16 के कप्तान भी रह चुके है और उन्होंने न्यूजीलैंड में बतौर कप्तान भारत को अंडर-19 का खिताब भी जिताया है।