सवाल 2 – क्या होगा अगर पुलिस FIR दर्ज करने से इंकार कर दें तो हम क्या करे ?

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सवाल 2 – क्या होगा अगर पुलिस FIR दर्ज करने से इंकार कर दें तो हम क्या करे ?

अक्सर हमें अख़बारों में यह पढ़ने को मिलता है कि पुलिस अधिकारियों ने FIR ( first information report) दर्ज़ करने से मना कर दिया। आम लोगों को अपने अधिकारों के बारे मे पता नहीं होता है और वो मन मसोसकर रह जाते हैं। किसी के साथ कुछ ग़लत हो और वो शिकायत भी दर्ज़ ना करा सकें यह सरासर अन्याय है। ये एक ऐसा सवाल है की हमे इसका जवाब पता करने पर और दिलचस्पी बढ़ गई और यकीनन आपके अंदर कभी न कभी तो ये सवाल दिमाग में आया ही होगा आइए जानते हैं कि अगर पुलिस FIR लिखने से मना करती है तो हमारे पास कौन कौन से विकल्प बचते है फिर.

police FIR -

सबसे पहले तो ये जान लें कि पुलिस FIR दर्ज़ करने से क्यूँ मना कर सकती है?

भारतीय कानून के अनुसार अपराधों को दो प्रारम्भिक श्रेणियों में बाँटा गया है।

  • संज्ञेय अपराध- FIR केवल संज्ञेय अपराधों के मामले में ही दर्ज़ की जा सकती है। इसके अन्तर्गत बलात्कार, लूट, डकैती, हत्या आदि अपराध आते हैं।
  • असंज्ञेय अपराध- इस श्रेणी के अपराध के मामले में पुलिस अधिकारियों को मजिस्ट्रेट द्वारा निर्देशित किया जाता है की वह विशेष कार्रवाई करें। असंज्ञेय अपराध में पुलिस वारंट के बिना किसी को भी गिरफ्तार नहीं कर सकती है। इसके अन्तर्गत जालसाज़ी,सार्वजनिक उपद्रव, धोखाधड़ी आदि अपराध शामिल हैं।

पुलिस FIR दर्ज़ ना करे तो निम्न कदम उठा सकते हैं-

  • वरिष्ठ अधिकारी के पास जाना चाहिए और लिखित शिकायत दर्ज़ करानी चाहिए।
  • इसके बाद भी अगर FIR दर्ज़ न हो तो मेट्रो पोलिटिन(metropolitan) मजिस्ट्रेट की अदालत में अर्जी देनी चाहिए। मेट्रो पोलिटिन मजिस्ट्रेट के पास यह शक्ति होती है कि वह FIR दर्ज़ करने के लिए पुलिस को आदेश दे सकता है।

सुप्रीम कोर्ट ने FIR दर्ज़ नहीं करने वाले पुलिस अधिकारियों के ख़िलाफ़ कार्रवाई करने के आदेश भी जारी किए हैं। कोर्ट ने व्यवस्था की है कि FIR दर्ज़ होने के एक एक सप्ताह के अंदर जाँच पूरी की जानी चाहिए। इस जाँच का मक़सद मामले की पड़ताल कर अपराध की गंभीरता को जाँचना है। “इस तरह पुलिस इसलिए मामला दर्ज़ करने से इंकार नहीं कर सकती है कि शिकायत की सच्चाई पर उन्हें संदेह है।”

No FIR -

इसके अलावा कुछ विकल्प ये भी है जो काम आ सकते है आपके-

  1. आप अपने संबंधित राज्य के मानव अधिकार आयोग में या राष्टीय मानवाधिकार आयोग में शिकायत कर सकते हैं कि पुलिस अपनी ड्यूटी नहीं कर रही है।
  2. इसके अलावा आप ऑनलाइन भी शिकायत दर्ज करवा सकते हैं,अगर आपके राज्य के पुलिस विभाग ने ये सुविधा दी हुई है।

सवाल पूछने के लिए धन्यवाद।।

Credit – Jaya Shahi IAS