आगामी चुनाव को लेकर मायावती ने खेला ‘मुस्लिम कार्ड’

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नई दिल्ली: यूपी की पूर्व मुख्यमंत्री और बहुजन समाज पार्टी (बीएसपी) प्रमुख मायावती ने एससी/एसटी विधेयक में संशोधन का स्वागत करते हुए एक नया मुद्दा उजागर किया है. मायावती ने आर्थिक आधार पर अल्पसंख्यकों को आरक्षण दिए जाने की मांग का समर्थन करते हुए कहा कि गरीब मुस्लमानों के लिए भी आरक्षण की व्यवस्था की जानी चाहिए. माना यह भी जा रहा है कि मायावती के इस मुद्दे को उठाने का मकसद शायद लोकसभा चुनाव भी हो सकता है.

राज्यसभा से इस संशोधन के पास होने की उम्मीद जताई- मायावती

मायावती ने लोकसभा में पास हुए अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति संशोधन विधेयक का स्वागत   करते हुए राज्यसभा से इस संशोधन के पास होने की उम्मीद जताई है. मायावती ने इस दौरान अपने कार्यकर्ताओं को भी इस प्रस्ताव के पास होने का श्रेय दिया. उन्होंने कहा कि इस दौरान दलित वर्ग को काफी परेशानी झेलनी पड़ी. दलितों ने जो भारत बंद के लिए कहा था उसका यह नतीजा है.

bsp mayawati demands reservation on economic base for poor mulsims 1 news4social -

बीएसपी की तरफ से इस चीज को लेकर उनका समर्थन सबसे पहले मिलेगा

मायावती ने आगे कहा कि यदि केंद्र सरकार उच्च जाति के गरीब लोगों को संविधान में संशोधन के जरिए आरक्षण का कदम उठाती है तो बीएसपी की तरफ से इस चीज को लेकर उनका समर्थन सबसे पहले मिलेगा. इस दौरान उन्होंने यह भी कहा कि मुस्लिम व अन्य धार्मिक अल्पसंख्यकों में काफी गरीबी है. अगर ऐसे में केंद्र सरकार उच्च जाति के लिए कोई कदम उठाती है तो मुस्लिमों व दूसरे धार्मिक अल्पसंख्यकों के लिए भी आरक्षण की व्यवस्था की जानी चाहिए.

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केंद्र सरकार में शामिल दलित नेताओं की कड़ी प्रतिक्रिया करते हुए निशाना साधा

उन्होंने कहा कि 2 अप्रैल को बुलाए गए भारत बंद का असर मानते है, जिसमें बीएसपी कार्यकर्ताओं के साथ देश की जनता ने भाग लिया और केंद्र सरकार को इस संशोधन के लिए मजबूर किया. मायावती ने केंद्र सरकार में शामिल दलित नेताओं की कड़ी प्रतिक्रिया करते हुए कहा कि जब 2 अप्रैल को आंदोलन किया गया था तो केंद्र सरकार के सभी दलित व आदिवासी मंत्री चुप्पी साधे हुए थे.