रविवार को पीएम मोदी के मंत्रिमंडल का विस्तार हुआ, जिसमें किसी का प्रमोशन हुआ तो किसी का डिमोशन भी हुआ, इसके अलावा किसी को कैबिनेट में जगह तक नहीं मिली। कैबिनेट में तीसरा फेरबदल तो हो गया, लेकिन कैबिनेट में सहयोगी दलों को शामिल न करने पर पीएम मोदी की आलोचना भी की जा रही है, कोई बीजेपी को स्वार्थी बता रहा है, तो कोई मतलबी सरकार कह रहा है, ऐसे में सबकी नजर हाल ही में बीजेपी संग गठबंधन करने वाली जेडीयू पर टिकी थी। सबको यही लगा था कि इस मंत्रिमंडल में जेडीयू के किसी नेता को तो जरूर ही जगह मिलेगी, लेकिन मोदी ने तमाम अटकलें खारिज कर दी और किसी भी सहयोगी पार्टी को मंत्रिमंडल में जगह नहीं दिया गया।
मोदी मंत्रिमंडल में जगह न बना पाने वाले सीएम नीतीश को विरोधियों के आलोचनाओं का जमकर सामना करना पड़ रहा है। जी हाँ, रविवार से ही सीएम नीतीश पर आरजेडी व्यंग्य कसती नजर आ रही है। कभी लालू प्रसाद तो कभी लालू के बेटे तेजस्वी यादव नीतीश पर व्यंग्य कसते नजर आ रहे है। इन सबके बीच सबकी नजर नीतीश कुमार पर थी कि वो मंत्रिमंडल के फेरबदल को लेकर कुछ तो बोले, आखिरकार सीएम नीतीश ने अपनी चुप्पी तोड़ ही दी।
सीएम नीतीश ने क्या कहा….
सीएम नीतीश ने मंत्रिमंडल में फेरबदल होने से पहले कहा था कि उन्हें इस बात की जानकारी मीडिया द्वारा ही लगी है। पीएम मोदी और बीजेपी की तरफ से किसी भी प्रकार की जानकारी नहीं दी गई है और न ही उन्हें आमंत्रित किया गया था, जिसके बाद से ही विपक्षियों ने नीतीश पर हमला बोलना शुरू कर दिया था।
इस मामलें पर सीएम नीतीश ने मीडिया से कहा कि इसे सच सोचते हैं, तो ये झूठ है। क्योंकि पीएम मोदी से कैबिनेट फेरबदल को लेकर कोई बात नहीं हुई। साथ ही सीएम ने यह भी कहा कि हमारे काम करने का तरीका पारदर्शी है।
सीएम नीतीश के बयानों पर अगर गौर किया जाये तो यही साफ होता है कि इस दौरान सीएम नीतीश कुमार ने उन सभी अटकलों को सिरे से खारिज कर दिया जिसमें उनकी जेडीयू के केंद्र में शामिल होने की बात कही गई थी। हालांकि, अब भले ही सीएम कुछ भी कहें लेकिन इस सच्चाई से नकारा नहीं जा सकता है कि जेडीयू मन ही मन यह तो जरूर ही चाहती होगी कि केंद्र में उसको जगह मिले, हालांकि यह बात अलग है कि जगह न मिलने के बाद सीएम सफाई पेश करते हुए नजर आ रहे है।