नई दिल्ली: मोदी सरकार आज संसद में पहली बार अविश्वास प्रस्ताव का सामना करेंगे. इसके साथ चार साल में पहली बार ऐसी स्थिति आएगी जब इतने अहम विषय को लेकर लोकसभा में पीएम मोदी और विपक्षी अध्यक्ष राहुल गांधी एक दिन में एक दूसरे पर निशाना साधते नजर आएंगे.
इस तरह राहुल की वह चुनौती भी आज पूरी हो जाएगी, जिसमें वे कहते रहे हैं कि पीएम मुझे संसद में 15 मिनट बोलने का मौका दें, तो वह उनकी बोलती बंद कर देंगे. वहीं इस प्रस्ताव में चर्चा के लिए कांग्रेस को लगभग आधा घंटा अपनी बात रखने का और बीजेपी को साढ़े तीन घंटे मिले हैं. अब देखने यह दिलचस्प होगा कि इतने कम समय में विपक्षी पार्टी मोदी सरकार को अपने निशने में कितना लेगी.
इससे पहले भी भूमि अधिग्रहण बिल, नोटबंदी, जीएसटी और राष्ट्रपति के अभिभाषणों पर चर्चा के दौरान दोनों ही नेताओं को पाया गया था, लेकिन संयोग ऐसा रहा कि जब राहुल बोलते तो पीएम मोदी उस दिन न बोलकर आगे किसी ओर दिन इस बात का करार जवाब देते मिले. दरअसल, ऐसा कई मौके आए है जब एक नेता बोल रहा है, तो दूसरा वाला सामने बैठे उसकी बात सुन रहा है.
वहीं अगर रिकॉर्ड को देखें तो दोनों नेताओं के प्रमुख हमले इस तरह नजर आएंगे
मार्च 2016
नोटबंदी शुरू होने से पहले केंद्र सरकार ने कालाधन रखने वालों के लिए तय पैनाल्टी के साथ अपनी आय घोषित करने की योजना शुरू की थी. इस बात को लेकर लोकसभा में राहुल ने कहा था कि मोदी की सरकार फेयर एंड लवली योजना लाई है. इस योजना के अनुसार, कालेधन वाले लोगों अपनी काली कमाई को गोरा कर लेंगे. वहीं उसी के अगले दिन राहुल द्वारा किये गए हमले का जवाब मोदी ने लोकसभा में करारे तरीके से दिया और कहा था कि कुछ लोगों की उम्र तो बढ़ती जाती है, लेकिन समझदारी नहीं बढती.
अप्रैल 2015
वहीं संसद के बजट सत्र में पीएम मोदी पर राहुल द्वारा हमला करता हुए उन्होंने मोदी सरकार को सूट बूट की सरकार बताया. ऐसा कहने के बीच की वजह यह है कि 26 जनवरी को जब राष्ट्रपति बराक ओबामा गणतंत्र दिवस परेड के मुख्य अतिथि बने तो उस कार्यक्रम के दौरान मोदी जी ने काफी महंगा सूट पहना हुआ था. बाद में इस सूट को नीलाम कर उनकी रकम को सरकारी खजाने में जमा कर दिया गया था. राहुल के तंज का जवाब संसद में विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने दिया. उन्होंने कहा था कि सूट बूट की सरकार लूट की सरकार से अच्छी है. इस पर मोदी ने संसद के बाहर जवाब में कहा था कि सूट बूट की सरकार सूटकेस की सरकार से अच्छी है.
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अब देखने यह होगा कि आज राहुल और मोदी के बीच हमें तकरार की स्थिति देखने को मिलेगी.