मॉनसून सत्र में बीजेपी के लिए खड़ी होनी वाली है बड़ी चुनौती

162

नई दिल्ली: सांसद का मॉनसून सत्र आज से शुरू हो चुके है. सरकार ने इस बार 58 विधेयकों को एजेंडे में रखा गया है जिनमें तीन तलाक, भगौड़ा आर्थिक अपराधी और स्टेट बैंक निरसन जैसे कई अहम विधेयक शामिल हैं. वहीं पहले ही दिन संसद में सांसदों का हंगाम देखने को मिला है. आज से वर्तमान लोकसभा का आखिरी मॉनसून सत्र की कार्यवाही शुरू हो चुकी है. यह सत्र भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के लिए काफी अहम साबित होने वाला है. बता दें कि इस सत्र के शुरू होने से पहले ही लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने सभी दलों के सांसदों को एक पत्र लिखा है और सबसे सदन की कार्यवाही को सुचारू रूप से चलाने का आग्राह किया हुआ है.

विपक्ष पार्टी लगाएगा मोदी सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव

जानकारी के अनुसार, इस मॉनसून सत्र में कांग्रेस और अन्य विपक्षी दल इस सत्र के द्वारा मोदी सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने की तैयारी में जुटे हुए है. मानसून सत्र में सरकार के पास कई ऐसे अहम बिल हैं, जिनको वह पास कराने की पूरी कोशिश निरंतर करती रहेगी.

big problem for pm modi 1 news4social -

कई बिल अटके हुए है

बता दें कि लोकपाल और लोकायुक्त बिल 2014, भ्रष्टाचार निरोधक (संशोधन) बिल 2013, व्हिसलब्लोअर प्रोटेक्शन बिल 2015, नेशनल मेडिकल कमीशन बिल 2017, मोटर व्हीकल बिल 2017, कंज्यूमर प्रोटेक्शन बिल 2018 और सेरोगेसी बिल 2016 जैसे अन्य 58 बिल है जो संसद के दोनों सत्र में अभी तक लंबित पड़े हुए है.

केंद्र सरकार को एक दिन में तीन बिल पास करने की चुनौती

आपको बता दें कि मॉनसून सत्र कम से कम 18 दिन तक चलेगा और सरकार को इन दिनों में ही इन 58 विधेयक को पास करना है जो सरकार के लिए काफी बड़ी चुनौती का कार्य है. इसके लिए केंद्र सरकार को एक दिन में कम से कम तीन बिलों को पास करना पड़ेगा.

यह भी पढ़ें: मौनसून सत्र कल से, सरकार हर मुद्दे पर चर्चा को तैयार

big problem for pm modi 2 news4social -

सपा सांसद धर्मेन्द्र यादव का बयान

वहीं समाजवादी पार्टी ने यह साफ रूप से सुनिश्चित कर दिया है कि वह पिछड़ों और दलितों के आरक्षण के मुद्दों पर किसी भी विधेयक को सत्र में संसद नही चलने देंगे. इस बारे में सपा सांसद धर्मेन्द्र यादव ने मीडिया से बातचीत के दौरान कहा है कि उच्च शिक्षा की नौकरियों में अगर दलितों और पिछड़े वर्ग के लिए आरक्षण को सरकार बहाल नहीं करती है तो सपा संसद के दोनों सदन को नहीं चलने देगी. उन्होंने आगे कहा है कि किसानों की आत्महत्या और महंगाई के मुद्दों को भी संसद में उठाना जाना चाहिए.