लालू जी, नीतीश ने खूंटा नहीं पूरा बथान ही बदल लिया है?

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लालू जी के शब्द निकलते ही लोगों की हंसी छूट जाती है, वो अपनी बातों पर खुद भी हंसने लगते हैं। राजनीतिज्ञ से अलग उनकी पहचान लच्छेदार बातों के लिए भी की जाती है। ताजा माहौल में वो नीतीश कुमार पर अपनी शब्दतीर छोड़ते रहते हैं। केन्द्र में मंत्रीमंडल विस्तार में जेडीयू को जगह नहीं मिली तो मीडिया वाले पहुंच गए लालू जी के पास, फिर क्या था लालू जी ने भी मीडिया वालों को निराश नहीं किया और बिल्कुल ठेठ अंदाज में नीतीश की उपमां एक बंदर से कर डाली।

लालू ने ये कहा

लालू जी ने मंत्रीमंडल विस्तार में जेडीयू को जगह नहीं मिलने पर कहा कि नीतीश कुमार के हालात उस बंदर की तरह हो गई है जिसे भीड़ से भटकने के बाद छोड़ दिया जाता है। यही नहीं उन्होंने ये भी कहा कि बंदर उछल कूद करते वक्त अगर पेड़ से गिर जाए तो सारे बंदर उसे छोड़ देते हैं। लालू ने ट्वीट कर कहा कि नीतीश कुमार दो नाव पर पैर रखकर सवारी कर रहे हैं, जिससे टांग फट कर मरण हो जाता है।

 

 

लालू की बातों का साकारात्मक विश्लेषण

लालू की कही बातों को अगर साकारात्मक रूप से देखें तो यही कहा जाएगा कि नीतीश के तो दोनों हाथों में लड्डू है और दोनों नावों पर पैर रखकर चल भी रहे हैं तो यही कहा जाएगा कि नीतीश जी राजनीति में स्टंट मैन हैं। जैसा कि आपने उनकी उपमा बंदर के रूप में दी है तो आप भूल गए कि बंदर भी तो अपने स्टंट के लिए ही जाना जाता है। कभी इस डाली कभी उस डाली लेकिन फल खाना ही उसका एक मात्र उद्देश्य होता है और देखिए नीतीश भी सत्ता का फल ही खा रहे हैं। यही नहीं फल तो खाते ही हैं गुस्सा आए तो डाली भी तोड़ देते हैं। जैसे कि आपकी तोड़ दी, आपके बेटे को उप-मुख्यमंत्री से सीधे विधायक तक पहुंचा दिया और आपको बीच मझधार में हापुश-हापुश करते हुए छोड़ दिया। अब पानी पीते रहिए और डूबते रहिए क्योंकि किनारा बहुत दूर है और जिस मझदार में आप फंसे हैं वहां धार भी काफी तेज बह रही है।

 

लालू जी मंत्रीमंडल में बदलाव से मोदी सरकार में कोई परिवर्तन हो ना हो लेकिन आपके इस ट्वीट को अगर हम नीतीश के मामले में लें तो ये कहन होगा  कि नीतीश ने खूंटा नहीं बल्कि पूरा बथान (जहां पालतू जानवर को रखते हैं) ही बदल लिया है। देखिए केन्द्र के भरोसे वो अपने नेताओ को साध कर रख रहे हैं और जैसा कि आप कह रहे हैं कि वो केन्द्र के ही भरोसे कांग्रेस को तोड़ने की कोशिश कर रहे हैं। यही नहीं उनके सहयोगी कह रहे हैं कि अगले मंत्रीमंडल विस्तार में जेडीयू को भी स्थान मिलेगा, तो बताइये हो गया ना फायदा खूंटा या कहें बथान बदलने का।

 

हां एक बात और कि आजकल लोग बड़े चालाक हो गए हैं, वो आपकी बातों पर हंसते तो हैं पर फंसते नहीं हैं ये ध्यान रखिएगा। हां फंसने की बात से ये ध्यान आया कि आपका पूरा परिवार अभी फंस गया है सीबीआई और ईडी के चंगूल में, तो बचते रहिए और हां हंसाते रहिए क्योंकि इस प्रकार के चंगूल से बचने के लिए हंसना भी जरूरी होता है। और लबौलुआब ये है कि आपकी तूणीर से निकला बाण खुद आपको ही लग गई।