प्लास्टिक से बने चावलों की पहचान कैसे करें?

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ज्यादातर लोग चावल खाना पसंद करते है और कुछ लोगों को चावलों की पहचान नहीं होती है. लोग चावल की पहचान करने की कोशिश तो करते है, लेकिन वह नहीं कर पाते है. शायद ही कुछ लोग होगें जो यह जानते है कि चावल में आजकल प्लास्टिक चावल आ रहें है. आईए हम आपको बताते है कि कैसे आप इस बात का पता कर सकते है कि प्लास्टिक के चावल की कैसे पहचान की जाए.

प्लास्टिक से बने चावलों की पहचान कैसे करें?
प्लास्टिक से बने चावलों की पहचान कैसे करें?

चीन से आने वाला यह प्लास्टिक चावल दिखने में बिल्कुल असली चावल की तरह ही होता है. तो पकने के बाद भी आप प्लास्ट‍िक चावल और असली चावल में फर्क नहीं कर सकते. असली चावल के साथ मिलाकर बाजारों में बिकने वाला यह चावल, असली चावल में इस कदर मिल जाता है, कि आप इसके रूप, रंग, आकार और स्वाद में भी आपको पता नहीं चलेगा.

चावल को खाने से कैंसर जैसी भयानक बीमारी भी हो सकती है, लेकिन उससे भी पहले आप शिकार हो सकते है, पेट की बीमारियां एक कटोरी प्लास्टिक चावल एक बैग पॉलीथिन के बराबर होता है. प्लास्टिक चावल के इन सभी दुष्परिणामों से बचने के लिए इस चावल की पहचान करना बेहद आवश्यक है.

पहचान के तरीके
चमक- जब आप चावल को ध्यान से देखेंगे तो पाएंगे प्लास्टिक के चावल असली चावल की तुलना में ज्यादा चमकीला नजर आएंगा.

आकार- अगर दो तरह के नकली चावलों को एक साथ मिलकर देखेंगें, तो सारे चावलों की मोटाई और आकार एक जैसा ही दिखाई दे सकते है.

वजन- नकली चावल का वजन असली की तुलना में हल्का होता है, इसीलिए तौलने पर न‍कली चावल की मात्रा अधिक होगी.

भूसी- नकली चावल बिल्कुल साफ सुथरा होगा, जबकि असली चावल में कहीं न कहीं धान की भूसी मिल ही जाएगी.

Fake Rice

खुशबू- चावल को पकाते वक्त उसे सूंघ कर देखें. प्लास्टिक चावल पकते वक्त, बिल्कुल प्लास्टिक की तरह महकते हैं.

कच्चापन- प्लास्टिक चावल काफी देर तक पकाने के बाद भी ठीक से नहीं पकता, जबकि असली चावल अच्छी तरह से पक जाता है.

मांड- प्लास्टिक चावल को पकाने के बाद, बचे हुए उसके पानी यानि मांड पर सफेद रंग की परत जम जाती है, जबकि असली चावल में ऐसा नहीं होता.

अगर इस मांड को कुछ देर तक धूप में रख दिया जाए, तो यह पूरी तरह से प्लास्टिक बन जाता है, जिसे जलाया भी जा सकता है. यह एक बेहतर तरीका है.

भि‍गोते वक्त ध्यान रखें, प्लास्ट‍िक चावल पानी में नहीं तैरता क्‍योंकि यह सौ फीसदी प्‍लास्‍टिक नहीं होता, इसमें आलू और शकरकंद भी मिला होता है. जबकि कुछ असली चावल पानी में तैरते हैं.
आशा करते है कि आप सभी को इस प्रश्न का उत्तर मिल गया होगा.

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