गिरिराज के तंज पर अमित शाह ने लगाई फटकार, दी ये नसीहत

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Amit shah & giriraj singh

अपने बयानों से अक्सर विवादों में रहने वाले केन्द्रीय मंत्री व भाजपा नेता गिरिराज सिंह ने एनडीए के सहयोगियों के द्वारा इफ्तार पार्टी में शामिल होने पर ट्वीट कर तंज कसा। जिसके बाद ये मामला केन्द्रीय गृहमंत्री व भाजपा राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह के कानों तक पहुंच गया। अमित शाह ने गिरिराज सिंह के बयान पर उन्हें नसीहत देते हुए कहा कि इस तरह की शिकायत नहीं आनी चाहिए।

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दरअसल, पटना में ‘लोजपा’ व ‘हम’ ने इफ्तार पार्टी का आयोजन किया था, जिसमें मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी, लोजपा अध्यक्ष राम विलास पासवान, पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी समेत जेडीयू, लोजपा व अन्य दलों के कई बड़े नेताओं में शिरकत की। शायद, गिरिराज सिंह को एनडीए के सहयोगियों द्वारा इफ्तार में शरीक होने रास नहीं आया और इसलिए उन्होंने ट्विटर अपने इफ्तार पार्टी में शामिल हुए नेताओं की तस्वीर साझा करते हुए लिखा ‘’कितनी खूबसूरत तस्वीर होती जब इतनी ही चाहत से नवरात्रि पे फलाहार का आयोजन करते और सुंदर सुदंर फ़ोटो आते??…अपने कर्म धर्म मे हम पिछड़ क्यों जाते और दिखावा में आगे रहते है???। इस बयान के बाद जेडीयू, लोजपा व अन्य दलों के नेताओं ने कड़ी प्रतिक्रिया दी।

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गिरिराज के इस तंज भरे ट्वीट के बाद, सियासी हल्कों में सियासी पार चढ़ गया। जेडीयू नेता व मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने गिरिराज के इस बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा ‘’वह (गिरिराज) इस तरह की बातें इसलिए करते हैं ताकि मीडिया में उन्हें कुछ जगह मिल जाए’’। हालांकि, इस मसले पर जेडीयू को ‘राजद’, ‘हम’ और ‘कांग्रेस’ की भी साथ मिला।

बिहार के जेडीयू के प्रवक्ता ने कहा ‘’समय आ गया है कि भाजपा गिरिराज सिंह पर कार्रवाई करे’’। वहीं, लोजपा नेता चिराग पासवान ने  कहा ‘’उनके बयान भारतीय परंपराओं पर सवाल खड़े करते हैं।  हमारी पार्टी सबका साथ, सबका विकास में विश्वास करती है’’।

गिरिराज के बयान पर सियासी प्रतिक्रियाओं के दौर के बीच, भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने गिरिराज सिंह को फोन कर फटकार लगाई और आगे से ऐसे बयान देने से बचने को कहा। यह जानकारी के बीजेपी के एक वरिष्ठ नेता ने दी।

बता दें कि केन्द्र में भाजपा की सरकार बनने से पहले, एनडीए के संसदीय दल का नेता चुने जाने के बाद प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सभी सांसदों और नेताओं को हिदायत दी थी। उन्होंने नेताओं को ‘छपास और दिखास’ प्रवृत्ति से बचने को कहा था।

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