फीफा विश्व कप में बेल्जियम को 1-0 से करारी मात देकर 12 साल के बाद फाइनल में पहुंचा फ्रांस

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सेंट पीटर्सबर्ग: बीते दिन यानी मंगलवार को देर रात सेंट पीटर्सबर्ग स्टेडियम में फ्रांस और बेल्जियम के बीच सेमीफाइनल का मैच खेला गया. दोनों ही टीमों ने शानदार प्रदर्शन किया. पर इस रोमांचक और कड़े मुकाबले में बेल्जियम को 1-0 से शिकस्त देकर फ्रांस फीफा वर्ल्ड कप के 21वें संस्करण के फाइनल में जगह बनाने में कामयाब रही. फ्रांस तीसरी बार फाइनल में जगह बनाने में सफल रही है. इससे पहले फ्रांस ने 1998 और 2006 में फाइनल में पहुंची थी.

बता दें कि फाइनल में फ्रांस का मुकाबला इंग्लैंड और क्रोएशिया के बीच बुधवार को होने वाले दूसरे सेमीफाइनल मैच की विजेता से होगा. फ्रांस करीब 12 साल के बाद अब फाइनल मैच में प्रवेश कर पाया है. फ्रांस ने बेल्जियम को विश्व कप में लगातार तीसरी बार मात दी है. अब फ्रांस के पास दूसरी बार फीफा वर्ल्ड कप को अपने नाम करने का मौका मिला है.

Semifinal Results -

फ्रांस ने बेल्जियम के अटैक का जबरदस्त तरीके से सामना किया

आपको बता दें कि दोनों ही टीम शुरुआत से काफी बेहतरीन प्रदर्शन करती नजर आई थी. दोनों ही टीमों के बीच कड़ी टक्कर देखने को मिली. यह मैच अभी तक विश्व कप में सबसे ज्यादा गोल करने वाली बेल्जियम और फ्रांस के मजबूत डिफेंस की फॉरवर्ड लाइन के बीच मैच था. फ्रांस ने बेल्जियम के अटैक का सामना काफी शानदार तरीके से किया इसी दौरान वह मैच को अपने नाम कर पाई.

सैमुअल उमटिटी के गोल से बेल्जियम का सपना टूटा

इस मैच का इकलौता गोल 51वें मिनट के दौरान आया. इस गोल के बदौलत ही फ्रांस जीत दर्ज करवा पाई. इस गोल को फ्रांस के डिफेंडर सैमुअल उमटिटी ने किया था. फ्रांस टीम के ओलीवर जीरू को बॉक्स के अंदर गेंद मिली जिसे उसने घूमकर नेट में डालना चाहा और इसी दौरान गेंद बेल्जियम के डिफेंडर के पैर से लग कर बाहर चली गई. इस दौरान फ्रांस के हाथ कॉर्नर आई, जिसे एंटोनी ग्रीजमैन ने लिया और उनकी किक पर सैमुअल उमटिटी ने हेडर के जरिए गोल कर 1-0 की बढ़त दिलवाई.

Winning team -

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पर इस जीत में जितना हाथ सैमुअल उमटिटी का था उतना ही हाथ गोलकीपर ह्यूगो लोरिस का भी रहा. जिन्होंने दोनों हाफ टाइम में कई बेहतरीन गोल होने से बचाए. वहीं अगर फ्रांस की डिफेंस की बात करें तो इस बार डिफेंस ने भी काफी कमाल दिखाया. बेल्जियम के रोमेलु लुकाकु और ईडन हेजार्ड को साफ मौकों पर गोल नहीं करने दिए. इसके बाद बेल्जियम गोल करने को लेकर इतनी बेकाबू हो गई कि इस दौरान उन्हें तीन येलो कार्ड भी मिले.