नई दिल्ली/अमरोहा: केंद्र के नए कृषि कानूनों (New Farm Law) के विरोध में किसान आंदोलन (Farmers Protest) जारी है. आंदोलन को गति देने के लिए किसान यूनियनों द्वारा अलग-अलग जगहों पर पंचायतें भी की जा रही हैं. गाजीपुर बॉर्डर पर भारतीय किसान यूनियन के प्रवक्ता राकेश टिकैत के नेतृत्व में किसान अभी भी जमे हुए हैं. दूसरी तरफ अब आंदोलन का असर गांवों में भी दिखने लगा है. यूपी में कई जगह किसान दूध की आपूर्ति रोकने और कीमत बढ़ाने का ऐलान पहले ही कर चुके हैं, इसी क्रम में 3 गांवों में दूध की आपूर्ति रोक दी गई है.
6 मार्च से दूध 100 रुपये प्रति लीटर
किसान आंदोलन (Farmers Protest) के प्रति एकजुटता दिखाते हुए अमरोहा जिले के तीन गांवों में डेयरी उद्योग से जुड़े किसानों ने सहकारी समितियों को दूध की आपूर्ति करना बंद कर दिया है. डेयरी किसानों ने इस बात का भी ऐलान किया है कि 6 मार्च से वे 100 रुपये प्रति लीटर की दर से दूध बेचेंगे. वर्तमान में दूध की आपूर्ति 35 रुपये प्रति लीटर की दर से कराई जा रही है.
इन गांवों में नहीं हुई आपूर्ति
खबरों के मुताबिक, सोमवार को अमरोहा जिले के तीन गांव – रसूलपुर माफी, चुचैला खुर्द, और शहजादपुर के डेयरी किसानों ने सहकारी समितियों को दूध की आपूर्ति करने से इनकार कर दिया, इससे समितियों के टैंकर्स खाली ही लौट आए.
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गांव तक पहुंचा आंदोलन?
भारतीय किसान यूनियन (BKU) के युवा प्रदेश अध्यक्ष दिगंबर सिंह ने कहा, ‘हमने किसानों को दूध की बिक्री रोकने के लिए नहीं उकसाया है. कृषि कानूनों (Farm Law) का विरोध करने के चलते किसान खुद ऐसा कर रहे हैं. आंदोलन सिर्फ हमारे तक सीमित नहीं है, यह जमीनी स्तर तक पहुंच चुका है और अब इसे अन्य किसानों व आम आदमी का भी समर्थन मिल रहा है.’