मेहुल चौकसी की होगी भारत वापसी, भारत का एंटीगुआ के साथ प्रत्यपर्ण पर करार

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देश के बैंको को हजारो करोड़ रूपए का चुना लगा कर भागने वाले मेहुल चौकसी को शिकंदे में कसने की कोशिशे तेज हो गयी है. भगोड़ा हिरा कारोबारी को भारत लाने के लिए भारत सरकार सक्रिय हो गयी है. गौरतलब है की हाली में चौकसी ने एंटीगुआ की नागरिकता ली है. जिसके बाद से ही मोदी सरकार सरकार ने बेहद ही सख्त रविया अपना लिया है.

आपको बता दे की साल के शुरुआत में बैंक घोटाला सामने आने के बाद फरार चोकसी ने भारत आने से बचने के लिए कैरेबियाई देश एंटीगुआ और बारबूडा की नागरिकता हासिल कर ली थी. लेकिन अब भारत सरकार ने एंटीगुआ के साथ प्रत्यर्पण संधि कर ली है, ऐसे में उसके कानूनी प्रक्रिया के तहत स्वदेश लाने का रास्ता साफ हो सकता है. पहले भारत का एंटीगुआ के साथ प्रत्यर्पण संधि नहीं थी.

मेहुल चोकसी के एंटीगुआ में मौजूद होने और वहां की नागरिकता हासिल होने की खबर सामने आने के बाद भारतीय जांच एजेंसियां उन तक पहुंच बनाने की कोशिशों में जुटी है और उसे अपनी गिरफ्त में लाने के लिए सभी संभावित विकल्प तलाशने में जुटी थीं.

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कौन है मेहुल चौकसी ?

दरअसल मेहुल चोकसी गुजरात का मशहूर हीरा व्यापारी है. चोकसी ने पि एन बी बैंक से हजारो करोड़ो रूपए का कर्ज लिया था. जिसको वह अभी तक नहीं चूका पाया है और कुछ महीने पहले देश छोड़ कर भाग निकला. अब मोदी सरकार उसको पकड़ने के लिए पुरजोर कोशिश कर रही है.

मोदी सरकार की हो रही है किरकरी

बैंक घोटाले के मुख्य आरोपियों नीरव मोदी और मेहुल चोकसी के विदेश भाग जाने और उनकी तलाश करने में नाकाम रहने से भारतीय सरकार की लगातार किरकिरी हो रही थी, ऐसे में यह समझौता मोदी सरकार के लिए भी बड़ी राहत की बात है.

2017 में भारतीय एजेंसियो ने क्लीन चित दे नागरिकता लेने का काम किया था आसान

मेहुल चोकसी को नागरिकता दिए जाने पर उठे विवाद एंटीगुआ और बारबुडा की ओर से सफाई दी गई और कहा गया कि नागरिकता देने से पहले उन्होंने 2017 में भारतीय एजेंसियों और पासपोर्ट ऑफिस से चोकसी के बारे में जानकारी मांगी थी. जिसके जवाब में भारतीय एजेंसियों ने चोकसी को लेकर किसी प्रकार की आपत्ति दर्ज नहीं कराई थी. तब भारत ने एंटिगुआ को यह स्पष्ट किया था कि चोकसी के खिलाफ किसी प्रकार के घोटाले का या फिर धोखाधड़ी का आरोप नहीं है. इसके बाद एंटीगुआ ने चोकसी को अपने देश की नागरिकता प्रदान की थी.