19 साल के युवक को चकाचौंध ने बनाया कातिल, 8 साल के बच्चे को इस तरह मारा

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कहते हैं कि कानून के हाथ कातिल की सोच, समझ और होशियारी से कई गुना लंबे होते हैं और उसकी गिरफ्त से कोई भी शातिर हत्यारा नहीं बच सकता। आठ साल के मासूम का कत्ल करके पुलिस को चकमा देकर बच निकलने का षड्यंत्र 19 साल के युवक ने रचा था। बड़े व नामचीन संस्थान से आईटी में डिप्लोमा करने का भूत उस पर इस कदर सवार हुआ कि उसने अपनी जिन्दगी की आगे कि कहानी आठ साल के मासूम बच्चे के खून से लिख डाली।

दिल्ली के किराड़ी इलाके का रहने वाला गौतम नाम का युवक अब कोई साधारण युवक नहीं है। उसने पड़ोस में ही रहने वाले 8 साल के बच्चे को घर के बाहर खेलते हुएअपहरण कर लिया और उसकी रिहाई के बदलेबच्चे के परिवार से 25 लाख रूपये की फिरौती की रकम मांगी। इस रकम से वो किसी अच्छे संस्थान से आईटी में डिप्लोमा करना चाहता था। मगर उससे पहले उसने दुनिया से नासमझ एक बच्चे को जिसकी उम्र महज आठ साल थी, अपने नापाक इरादों का शिकार बनाकर मार डाला।

इस कातिल ने सोचा कि बच्चे को मारकर पास के ही नाले में डालकर वो कानून के शिकंजे से आसानी से निकल जाएगा, लेकिन बदनीयती और नापाक इरादों वाले शख्स पुलिस के पिंजरे से नहीं बच सकते है। कातिल गौतम अपने घर से पकड़ा गया और बच्चे को अगवा करने की पूरी कहानी फिल्मी अंदाज में बताई।

Murder 1 -

आरोपी गौतम ने पुलिस पूछताछ में बताया कि उसने हिंदी फिल्मों में देखा था कि किडनैपिंग करके हत्या करने के बाद भी आरोपियों ने फिरौती की रकम वसूल की है। इस खौफनाक ख्याल को उसने मन में रखा और सोचा कि वो बच्चे को अगवा करके मार देगा और  बच्चे के परिजनों से फिरौती वसूल करेगा। अगर वो बच्चे को मारेगा तो पकड़ा नहीं जाएगा। आरोपी अपने गलत इरादों में कामयाब नहीं हो पाया और पुलिस के हत्थे चढ़ गया।

दरअसल, 8 साल के बच्चे को फिरौती के लिए अगवा वाला ये लड़का पुलिस की गिरफ्त में कैसे आया और इस अपहरण को उसने कैसे अंजाम दिया, ये आपके लिए जानना जरूरी है। दरअसल, बच्चे के परिवारवालों ने 23 जुलाई को अमन विहार पुलिस में गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज करायी। उन्होंने रिपोर्ट में कहा कि आठ साल का उनका बच्चा 23 जुलाई को शाम के वक्त घर के बाहर खेलते हुए लापता हो गया । इसके बाद 25 जुलाई को अमन विहार थाना पुलिस को नाले से एक बच्चे का शव बरामद हुआ। पुलिस ने बताया कि मामले की जांच के दौरान पता चला कि बच्चे का परिवार किराड़ी एक्सटेंशन में रहता है। डेडबॉडी मिलने के बाद बच्चे का पिता के पास एक अंजान नंबर से फोन आया और फोन करनेवाले ने उसके बच्चे की रिहाई के बदले 25 लाख रूपये की फिरौती की मांग की। पुलिस ने इस कॉल को ज्यादा गंभीरता से नहीं लिया मगर दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने जिस नंबर से फोन आया था, उसे सर्विलांस पर लगा दिया।

इसके बाद पुलिस को जांच में पता चला कि जिस नंबर से फोन आया था वो तो गोविंदपुरी की रहने वाली किसी महिला का है। इस महिला ने पुलिस की पूछताछ में बताया कि उसका नंबर कुछ दिन पहले खो गया था, जिसकी उसने पुलिस में रिपोर्ट भी दर्ज कराई थी। इसी बीच सर्विलांस से आरोपी की लोकेशन पता चल गई और पुलिस ने उसे उसके घर से दबोच लिया।

पुलिस द्वारा आरोपी से पूछताछ करने पर उसने अपना गुनाह कबूल करते हुए बताया कि उसने ही बच्चे को अगवा किया था और उसे गहरे नाले में धक्का दे दिया था। कोई शक न करे, इसके लिए वह परिजनों के साथ बच्चे को ढूढ़ने का नाटक कर रहा था।

फिलहाल, अपने गुनाह का कबूलनामा करके आरोपी सलाखों के पीछे है। गलत रास्ता चुनकरकिसी अच्छे संस्थान से आईटी में डिप्लोपा करने की ख्वाहिश उसे एक दिन कानून की कैद में डाल देगी, उसने कभी ना सोचा था।

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