जम्मू और कश्मीर में आर्टिकल 370 को हटाया जा चुका है। लगभग देश का हर नागरिक सरकार के इस कदम की तारीफ कर रहा है। वहीं सरकार की विपक्षी पार्टी कांग्रेस ने इस सम्बन्ध में विरोध जताया है। कांग्रेस ने इसे असंवैधानिक बताया है। हालांकि कांग्रेस पार्टी में इस मुद्दे पर कुछ नेता पार्टी के स्टैंड के विरोध में नज़र आये।
कांग्रेस पार्टी के स्टैंड का विरोध करने में एक और कांग्रेस नेता का नाम जुड़ गया है। यह नेता कोई और नहीं बल्कि मध्य प्रदेश में कांग्रेस के नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया केंद्र सरकार की धारा 370 हटाने और जम्मू-कश्मीर राज्य को दो केंद्र शासित प्रदेशों में विभाजित करने के केंद्र सरकार के कदम के समर्थन में सामने आए।
कांग्रेस नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया ने मंगलवार को इस कदम का समर्थन करते हुए ट्वीट किया, “मैं #JammuAndKashmir & #Ladakh को भारत के संघ में इसके पूर्ण एकीकरण का समर्थन करता हूं।”
सिंधिया ने कहा कि यह कदम देश के हित में है और इसलिए उन्होंने इसका समर्थन किया।
कांग्रेस ने सोमवार को आर्टिकल 370 को देश के संवैधानिक इतिहास में “काला दिन” के रूप में बताया और आरोप लगाया कि सरकार ने संविधान में “गलत तरीके से गलत व्याख्या” करके जम्मू-कश्मीर को “बर्बाद” कर दिया। कई कांग्रेस नेताओं ने जम्मू-कश्मीर विधेयक पर पार्टी के रुख का विरोध किया है।
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सोमवार को कांग्रेस के राज्यसभा सांसद और मुख्य सचेतक भुवनेश्वर कलिता ने आर्टिकल 370 के ख़त्म होने पर पार्टी के रुख का विरोध करते हुए सदन की सदस्यता से इस्तीफा दे दिया।
कांग्रेस के एक अन्य वरिष्ठ नेता जनार्दन द्विवेदी ने भी अपनी पार्टी के साथ मतभेद बताते हुए कहा कि सरकार द्वारा एक “ऐतिहासिक गलती” को ठीक किया गया है। उन्होंने कहा कि यह राष्ट्रीय संतुष्टि का विषय है कि स्वतंत्रता के समय की गई एक “गलती” को सुधारा गया। उन्होंने स्पष्ट किया कि उनकी राय व्यक्तिगत है न कि उनकी पार्टी की।