मंगलवार को हुए 2018 की दुनिया के सबसे प्रतिस्पर्धी अर्थव्यवस्थाओं वाले देशों की सूची में विश्व आर्थिक मंच यानी वर्ल्ड इकोनॉमी फोरम (WEF) ने अपनी सूची में भारत को 58वां स्थान दिया है। फोरम का कहना है कि 2017 के मुकाबले भारत के रैकिंग में पांच अंकों का सुधार हुआ है। पिछले साल 63वां नंबर था। सूची के मुताबिक, जी-20 देशों में भारत की रैंक में इस साल सबसे ज्यादा सुधार हुआ है। 2008 के बाद अमेरिका पहली बार नंबर-1 रहा है। विश्व आर्थिक मंच की ओर से जारी 140 अर्थव्यवस्थाओं की सूची में अमेरिका के बाद सिंगापुर दूसरे और जर्मनी तीसरे स्थान पर है।
जानिए कौन से है वो अर्थवयवस्था के 10 देश
ये हैं अर्थव्यवस्थाओं की सूची में-10 देश :-विश्व आर्थिक मंच की इस सूची में शीर्ष-10 देशों में अमेरिका, सिंगापुर, जर्मनी, स्विट्जरलैंड, जापान, नीदरलैंड, हांगकांग, ब्रिटेन, स्वीडन और डेनमार्क शामिल हैं।
कम क्षमता वाली नौकरशाही के कारण भारत पीछे :- रिर्पोट के अनुसार उुपरी और निम्म मध्य आय वर्ग में अच्छा प्रदर्शन करने वाले चीन और भारत जैसे देश उच्च आय वाली अर्थव्यवस्थाओं के करीब पहुंच रहे हैं और उनमें से कई को पीछे भी छोड़ रहे हैं। इस रिपोर्ट में कहा गया है कि अनुसंधान और विकास जैसे क्षेत्रों में निवेश के मामले में चीन औसत उच्च आय वाली अर्थव्यवस्थाओं से काफी आगे है। भारत भी इनसे ज्यादा पीछे नहीं है। भारत व्यापार के कम सृजन और दिवालियापन के लिए सिर्फ अपनी कम क्षमता वाली नौकरशाही के कारण पीछे है।
रिर्पोट के अनुसार स्वास्थ्य, शिक्षा और कौशल में भारत आगे :- रिपोर्ट के अनुसार, भारत श्रीलंका से स्वास्थ्य, शिक्षा और कौशल के अलावा अन्य सभी प्रतियोगी क्षेत्रों में आगे है। रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत और श्रीलंका ऐसे देश हैं, जो अपने प्रभावी ढांचागत प्रणाली पर भरोसा कर सकते हैं। भारत ने परिवहन संबंधी ढांचागत सुविधाओं और सेवाओं में ज्यादा निवेश किया है, जबकि श्रीलंका के पास सबसे आधुनिक ढांचागत सुविधाएं मौजूद हैं।
भारत में जरूररी है इन क्षेत्रों में सुधार :- विश्व आर्थिक मंच की रिपोर्ट के अनुसार, भारत के सबसे महत्वपूर्ण प्रतियोगी लाभों में उसके बाजार का आकार, नई तकनीक और खोज आदि शामिल हैं। हालांकि, देश को अपने विशेष रूप से कामगारों के अधिकारों, व्यापार शुल्क और कौशल खासकर छात्र-शिक्षक अनुपात में सुधार करने की जरूरत है।
सूचकांक के द्वारा मापा जाता है अर्थव्यवस्थाओं में उत्पादकता :- सूचकांक 4.0 विश्व आर्थिक मंच का वैश्विक प्रतिस्पर्धी किसी भी देश की अर्थव्यवस्था की उत्पादकता और अन्य चीजें तय करने के लिए 12 मानदंडों को ध्यान में रखता है। इनमें संस्थाएं, आधारभूत संरचना, तकनीक, मैक्रोइकोनॉमिक स्थिति, स्वास्थ्य, शिक्षा और कौशल, उत्पाद बाजार, श्रम बाजार, वित्तीय प्रणाली, बाजार का आकार, बिजनस डायनेमिक्स और नई तकनीक तथा खोज शामिल हैं।
ब्रिक्स देशों की सूची में तीसरे नंबर पर भारत :- ब्रिक्स देशों में चीन 72.6 अंकों के साथ सबसे ऊपर 28वें स्थान पर है। उसके बाद रूस 65.6 अंकों के साथ 43वें, 62 अंकों के साथ भारत 58वें, दक्षिण अफ्रीका 60.8 अंकों के साथ 67वें और ब्राजील 59.5 अंकों के साथ 72वें स्थान पर हैं। हालांकि, भारत अभी भी दक्षिण एशिया में महत्वपूर्ण अर्थव्यवस्था बना हुआ है।
देश | अंक | स्थान |
चीन | 72.6 | 28 |
रूस | 65.6 | 43 |
भारत | 62.0 | 58 |
दक्षिण अफ्रीका | 60.8 | 67 |
ब्राजील | 59.5 | 72 |