CM योगी ने बुंदेलखंड में स्पोर्ट्स कॉलेज खोलने के अलावा इन योजनाओं की दी मंजूरी

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उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने ‘बुन्देलखण्ड विकास बोर्ड के पदाधिकारियों से कहा है कि वे बुन्देलखण्ड क्षेत्र के समग्र विकास के लिए ठोस कार्य योजना तैयार करें। उन्होंने आश्वासन कि बुन्देलखण्ड एक्सप्रेस-वे का कार्य भी 3-4 महीनों में प्रारम्भ हो जाएगा। इन योजनाओं के शुरू हो जाने से बुन्देलखण्ड के विकास की तस्वीर बदलेगी। योगी आदित्यनाथ ने लोक भवन में ‘बुन्देलखण्ड विकास बोर्ड के गठन के बाद बोर्ड की प्रथम बैठक की अध्यक्षता की। योगी ने कहा कि बुन्देलखण्ड में बोर्ड का कैम्प कार्यालय भी खोला जाए।

जानकारी के मुताबिक बुन्देलखण्ड में स्पोर्टस कालेज खोलने पर विचार हो रहा है। इसके लिए योगी ने जगह निश्चित करने के लिए कहा है। इसके अलावा कहा कि पंजीकृत श्रमिकों के बच्चों के लिए बुन्देलखण्ड में दो हॉस्टल टाइप स्कूल भी खोले जाएंगे। इनके लिए भी स्थान की तलाश की जाए।

मुख्यमंत्री ने बोर्ड के पदाधिकारी व सदस्यों से बुन्देलखण्ड में गौशाला निर्माण कार्यों में तेजी लाए जाने के निर्देश दिए। साथ ही खनन उद्योग की व्यापक सम्भावनाएं तलाशने को कहा। इसके जुड़ी खनन पालिसी बनाने पर जोर देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि इसके जरिये स्थानीय लोगों को रोजगार उपलब्ध कराया जा सकता है।

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बुन्देलखण्ड विकास बोर्ड की पहली मीटिंग

योगी आदित्यनाथ ने चित्रकूट व बुन्देलखण्ड के अन्य जनपदों को शिक्षा, स्वास्थ्य, फाइनेन्शियल इंक्लूजन, कौशल विकास, पोषण और अवस्थापना के मानकों में सुधार की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि डिफेंस कारीडोर और बुन्देलखण्ड एक्सप्रेस-वे के दोनों ओर उद्योग स्थापना के सन्दर्भ में भी ‘बुन्देलखण्ड विकास बोर्ड अपने सुझाव प्रस्तुत करे। मुख्यमंत्री ने कहा कि ‘बुन्देलखण्ड विकास बोर्ड की एक बड़ी जिम्मेदारी है।

मुख्यमंत्री ने आदेश दिया है कि हर 3 महीने में ‘बुन्देलखण्ड विकास बोर्ड की बैठक की जाए और उसकी रिपोर्ट शासन को भेजी जाए। उन्होंने मन्दाकिनी नदी सहित तालाबों, कुंओं, बावड़ियों आदि के पुनरुद्धार की कार्यवाही किए जाने के निर्देश दिए।

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मुख्यमंत्री ने ‘बुन्देलखण्ड विकास बोर्ड के पदाधिकारियों व सदस्यों से बुन्देलखण्ड क्षेत्र के विकास से जुड़े सुझाव आमंत्रित किए और उन पर विचार कर लागू किए जाने का आश्वासन दिया। सदस्यों ने मुख्य रूप से बुन्देलखण्ड में तालाबों, कुंओं, बावड़ियों, सिंचाई व पानी के साधनों, उद्योग धन्धों को बढ़ाने, कृषि विविधीकरण, उद्यान व डेयरी, सुगन्धित व औषधीय पौधों की खेती, पर्यटन, अन्ना पशुओं, वृक्षारोपण आदि के सम्बन्ध में सुझाव प्रस्तुत किए।