मध्य प्रदेश: सड़क किनारे ठेला लगाने वालों से भी वसूला जायेगा टैक्स, IT विभाग ने की यह तैयारी

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मध्य प्रदेश में आयकर विभाग ने नगर निगम से व्यावसायिक लाइसेंस लेकर कारोबार कर रहे 50 हजार से अधिक छोटे-मोटे कारोबारियों की डिटेल मांगी है। आयकर विभाग को शक है कि इनमें बड़े पैमाने पर वे व्यापारी भी शामिल हैं, जिनका कमाई बहुत ज्यादा है। लेकिन वे खुद को सड़क किनारे दुकान चलाने वाले छोटे व्यापारी बताकर टैक्स नहीं दे रहे हैं।

आयकर विभाग को इस बार मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ के लिए 28,900 करोड़ रुपए का टैक्स इकठ्ठा करने का लक्ष्य दिया गया है। यह पिछले साल से करीब 24% ज्यादा है। जुलाई तक इसमें से 4000 करोड़ रुपए का टैक्स मिला है जो पिछले वित्तीय वर्ष 2018-19 के मुकाबले केवल 7.1% ही ज्यादा है। नए स्रोतों के जरिए 2500 करोड़ का टैक्स एकत्र करने का लक्ष्य लेकर आयकर विभाग द्वारा चला जा रहा हैं। इसमें सबसे अहम योगदान नगर निगम से लाइसेंस लेकर सड़क किनारे काम कर रहे व्यापारियों से आ सकता है।

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गौरतलब है कि आये दिन खबरों में पता चलता है कि सड़क किनारें ठेला लगाने वाले के पास अथाह दौलत मिली इसलिए आयकर विभाग ये अभियान चलाया है। इससे उनको ज्यादा टैक्स मिलने की उम्मीद है। यह बात मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ के प्रधान मुख्य आयकर आयुक्त ए के चौहान ने मीडिया से चर्चा में कही। उन्होंने कहा कि पहले चरण में इंदौर में नगर निगम से लाइसेंस लेकर काम कर रहे 1.67 लाख व्यापारियों को नोटिस भेजे गए थे। अब विभाग भोपाल में भी यही काम करेगा।

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मध्य प्रदेश में रजिस्ट्रार ऑफ कंपनीज में 24 हजार से ज्यादा कंपनियां रजिस्टर्ड हैं। इसमें 2300 कंपनियां ऐसी हैं, जो रजिस्ट्रार ऑफ कंपनीज को हर साल रिटर्न फाइल कर रहीं हैं, लेकिन आयकर नहीं भरतीं।

मध्य प्रदेश में 37 हजार लोगों ने GST नंबर लिया है। वे कमाई कर रहें हैं लेकिन टैक्स नहीं भर रहे है। आयकर विभाग ने इनके टर्नओवर की जानकारी इकठ्ठी की है। सबको नोटिस भेजकर टैक्स भरने को कहा जाएगा।