जानिए किस दिन पड़ेगा रक्षा बंधन और क्या है इसका धार्मिक महत्ता

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नई दिल्ली: क्या आपको रक्षा बंधन का मतलब पता है अगर नहीं है तो ज्यादा मत सोचे, हम आपको बताएंगे क्या है रक्षा बंधन का अर्थ. रक्षा करने और करवाने के लिए बांधा जाने वाला पवित्र धागा रक्षा बंधन कहलाता है. यह पवित्र पर्व श्रावण शुक्ल पूर्णिमा को मनाया जाता है, जो इस बार 26 अगस्त वाले दिन पड़ा है.

इस दिन बहन अपने भाई की कलाई में ‘रक्षा सूत्र बांधती’

बता दें कि इस दिन बहन अपने भाई की कलाई में ‘रक्षा सूत्र बांधती’ हैं यानी ‘राखी’ और भाई अपनी बहन को जीवन भर उनकी रक्षा का वचन देता है. आपको बता दें कि राजसूय के वक्त द्रौपदी ने भगवान कृष्ण को रक्षा सूत्र के रूप में अपने आँचल का टुकडा बांधा था. इसी के बाद से बहन द्वारा भाई को राखी बांधने की परंपरा शुरू हुई है. ब्राहमणों द्वारा अपने यजमानो को राखी बांधकर उनकी मंगलकामना की जाती है.

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कैसे मनाये रक्षा बंधन का पर्व

  • एक थाली में रोली, चन्दन, दही, राखी और मिठाई रखें.
  • इस थाली में घी का एक दीपक भी जरुर रखें, जिससे भाई की आरती की जाए.
  • ‘राखी’ यानी ‘रक्षा सूत्र’ और पूजा की थाल को सबसे पहले भगवान को समर्पित करें.
  • इसके बाद बहन अपने भाई को पूर्व से उत्तर की तरफ मुंह करवाकर बैठाएं.
  • पहले भाई के माथे में तिलक लगाएं, फिर राखी बांधें और फिर आरती करें.
  • फिर भाई को मिठाई खिलाकर मंगल कामना करें.
  • एक बात का ध्यान रखें राखी बंधने के वक्त भाई और बहन का सर खुला नहीं होना चाहिए.
  • राखी बंधवाने के बाद माता पिता और गुरु का आशीर्वाद जरुर लें. और फिर बहन को कोई उपहार दें.
  • उपहार में ऐसी चीज दें जो दोनों के लिए मंगलकारी हो तीखा या नमकीन खाद्य और काले वस्त्र को न दें.

राखी कैसी होनी चाहिए

  • राखी तीन धागों की होनी चाहिए.
  • लाल, पीला और सफेंद अन्यथा लाल या फिर पीला धागा तो होना ही चाहिए.
  • अगर रक्षासूत्र में चन्दन लगा हो तो काफी शुभ होगा.
  • कुछ न होने पर कलावा भी श्रद्धा पूर्वक बांध सकते है.

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क्या है रक्षाबंधन का मुहूर्त

  • इस बार भाई-बहन का यह पवित्र पर्व 26 अगस्त को पड़ेगा.
  • इस बार 26 अगस्त को भद्रा नहीं रहेगी.
  • परन्तु पूर्णिमा तिथि सायं 26 तक ही रहेगी.
  • इस बार रक्षा बंधन का त्यौहार सुबह 06.10 से शाम 05.25 के बीच मना लें.
  • इसी समय में राखी बाँधना उचित माना गया है.