सवाल 85- सनातन हिन्दू धर्म क्या है?

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सवाल 85- सनातन हिन्दू धर्म क्या है?

बहुत से ऐसे लोग है, जो हिन्दू धर्म को सनातन धर्म से अलग मानते हैं. उनका कहना है कि हिन्दू नाम तो विदेशियों ने दिया है. पहले इसका नाम सनातन धर्म ही था. वहीं कुछ लोगों का कहना है कि पहले इसका नाम आर्य धर्म रखा गया था कुछ कहते हैं कि नहीं, पहले इसका नाम वैदिक धर्म था. हालांकि इस संबंध में विद्वानों ने भी अपनी अलग-अलग राय दी है.


ऐसा कहा जाता है कि सनातन धर्म को हिन्दू धर्म के वैकल्पिक नाम से जाना जाता है. सनातन का अर्थ ही है शाश्वत या ‘हमेशा बना रहने वाला’, जिसका न आदि है न अन्त है. यह एक भारतीय धर्म है, जो किसी जमाने में पूरे भारत तक व्याप्त रहा है. बता दें कि विभिन्न कारणों से हुए भारी धर्मान्तरण के बाद भी विश्व के इस क्षेत्र की आबादी इसी धर्म में आस्था रखती है.


सनातन का अर्थ है जो शाश्वत हो, सदा के लिए सत्य हो। जिन बातों का शाश्वत महत्व हो वही सनातन कही गई है. जैसे सत्य सनातन है. ईश्वर ही सत्य है, आत्मा ही सत्य है, मोक्ष ही सत्य है और इस सत्य के मार्ग को बताने वाला धर्म ही सनातन धर्म है. वैदिक या हिंदू धर्म को इसलिए सनातन धर्म कहा जाता है, क्योंकि यही एकमात्र धर्म है जो ईश्वर, आत्मा और मोक्ष को तत्व और ध्यान से जानने का मार्ग बताता है.

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सनातन धर्म के सिध्दांत
सनातन का शाब्दिक अर्थ तो जगजाहिर है. इसका सामान्य रूप से मतलब होता है ‘जो हमेशा से मौज़ूद रहा है’ यानि जिसकी उत्पत्ति और जन्म से किसी का कोई आपसी व्यवहार से कोई सम्बन्ध नही होता है जैसे वह वस्तु या व्यक्ति या सिद्धांत नित्य हो.

सनातन मार्ग
यही नही विज्ञान जब प्रत्येक वस्तु, विचार और तत्व का मूल्यांकन करता है तो इस प्रक्रिया में धर्म के अनेक विश्वास और सिद्धांत धराशायी हो जाते हैं. विज्ञान भी सनातन सत्य को पकड़ने में अभी तक नाकामयाब हुआ है किंतु वेदांत में उल्लेखित जिस सनातन सत्य की महिमा का वर्णन किया गया है.
हमारे ऋषि-मुनियों ने ध्यान और मोक्ष की गहरी अवस्था में ब्रह्म, ब्रह्मांड और आत्मा के रहस्य को जानकर ही उसे व्यक्त किया है ऐसा कहा गया है कि मोक्ष के बगैर आत्मा की कोई गति नहीं इसीलिए ऋषियों ने मोक्ष के मार्ग को ही सनातन मार्ग माना है.


जड़ पांच तत्व से दृश्यमान होते है
आकाश, वायु, जल, अग्नि और पृथ्वी ये सभी शाश्वत सत्य कहे जाते है. यह अपना रूप बदलते रहते हैं किंतु समाप्त नहीं होते और इस शाश्वत सत्य को जानने या मानने वाला ही सनातनी कहलाता है.


हिंदुत्व
ईरानी व पारसियों की धर्म पुस्तक ‘अवेस्ता’ में ‘हिन्दू’ और ‘आर्य’ शब्द का उल्लेख मिलता है. दूसरी ओर अन्य इतिहासकारों का मानना है हिंदू शब्द की उत्पत्ति ‍इंदु से हुई थी. वहीं चीन के लोग भारतीयों को ‘इन्तु’ या ‘हिंदू’ कहते थे. कुछ विद्वान कहते हैं कि हिमालय से हिन्दू शब्द की उत्पत्ति हुई है. हिन्दू कुश पर्वत इसका उदाहरण है.


आर्यत्व
आर्य समाज के लोग इसे आर्य धर्म कहते हैं, जबकि आर्य किसी जाति या धर्म का नाम न होकर इसका अर्थ सिर्फ श्रेष्ठ ही माना जाता है, लेकिन बुद्ध कहते हैं कि उक्त श्रेष्ठ व शाश्वत सत्य को जानकर आष्टांगिक मार्ग का अनुसरण करना ही सनातन धर्म माना है.


मोक्ष का मार्ग
धर्म, अर्थ, काम, मोक्ष ही अंतिम लक्ष्य है. यम, नियम, अभ्यास और जागरण से ही मोक्ष मार्ग की पुष्टि की जाती है. इसके अलावा स्वयं के अस्तित्व को कायम करने का कोई उपाय नहीं.

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सनातन धर्म
बता दें कि सनातन धर्म के सत्य को जन्म देने वाले अलग-अलग काल में अनेक ऋषि हैं. जिन्होंने सत्य को जैसा देखा, वैसा ही कहा है. जो उक्त ऋषियों की बातों को नहीं समझ पाते वही उसमें भेद करते हैं. भेद भाषाओं में होता है, अनुवादकों में होता है, संस्कृतियों में होता है, परम्पराओं में होता है, सिद्धांतों में होता है, लेकिन सत्य में नहीं होता है.

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