चुनाव आयोग और कानून मंत्रालय के बीच मंगलवार को चुनाव सुधार प्रक्रिया को लेकर चर्चा शुरू हुई। आयोग ने करीब 40 प्रस्ताव सरकार को दिए हैं। इनमें आधार कार्ड को वोटिंग लिस्ट से जोड़ना अहम है।
चुनाव आयोग का कहना है कि वोटर कार्ड को आधार से जोड़ने पर कोई मतदाता एक से ज्यादा जगह वोटर के तौर पर लिस्टेड नहीं हो सकेगा। दो अन्य प्रस्ताव पेड न्यूज और उम्मीदवारों के हलफनामों से संबंधित हैं। आयोग का प्रस्ताव है कि पेड न्यूज और झूठे हलफनामों पर सख्ती से रोक लगाई जाए। इन दोनों ही मामलों को अपराध माना जाना चाहिए।
मुख्य चुनाव आयुक्त सुनील अरोरा ने विधि सचिव जी. नारायण राजू के साथ बैठक की। चुनाव सुधार प्रक्रिया के उपायों पर विचार हुआ। आयोग चाहता है कि आधार कार्ड और वोटर कार्ड को लिंक किया जाए। इससे डुप्लीकेट एंट्रीज को रोका जा सकेगा।
इस प्रस्ताव का मतलब ये होगा की एक मतदाता सिर्फ एक ही स्थान पर पंजीकृत रहेगा वहीं चुनाव आयोग ने एक बयान में मीटिंग और इसके मुद्दों पर जानकारी दी। कानून मंत्रालय ने इस पर अपनी सहमति दी है और वहीं इसके साथ ही उसने इलेक्शन कमीशन से यह जानना चाहा कि आधार कार्ड के डाटा को सुरक्षित रखने के लिए क्या उपाय किए जाएंगे।
चुनाव आयोग के मुताबिक, मतदान आयु निर्धारित करने के लिए साल में एक जनवरी के अलावा कुछ और तारीखें निर्धारित की जानी चाहिए। उसका तर्क है कि फिलहाल एक जनवरी को ही आधार मानकर मतदान आयु तय की जाती है।
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वहीं इससे कई युवा मतदान के अधिकार से कुछ महीनों के लिए वंचित रह जाते हैं। सेनाओं के लिए मतदान को जेंडर न्यूट्रल बनाने का भी प्रस्ताव है। फिलहाल, सैन्य जवान की पत्नी को सर्विस वोटर माना जाता है।