शिव महापुराण के अनोखे रहस्य क्या हैं?

3293
शिव महापुराण के अनोखे रहस्य क्या हैं? ( What are the unique secrets of Shiva Mahapuran? )
शिव महापुराण के अनोखे रहस्य क्या हैं? ( What are the unique secrets of Shiva Mahapuran? )

शिव महापुराण के अनोखे रहस्य क्या हैं? ( What are the unique secrets of Shiva Mahapuran? )

शिवपुराण – हमारे देश का इतिहास बहुत ही पुराना है तथा पुराने समय से ही हमारा देश धार्मिक प्रवृत्ति का रहा है. यहीं कारण है कि लोग प्राचीनकाल की पुस्तकों के बारे में जानकारी हासिल करने के जिज्ञासु होते है. इनमें सबसे ज्यादा जिज्ञासा पुराणों के बारे में होती है. दरअसल, पुराण हिंदू धर्म से संबंधित आख्यान ग्रंथ हैं.

इनमें हमें उस समय के संसार ऋषियों तथा राजाओं के वृतांत मिलते हैं. हालांकि पुराणों को वैदिक साहित्य के काफी बाद में लिखा गया है.लेकिन इससे इनका महत्व कम नहीं होता है. इसी कारण लोगों के मन में कई तरह के सवाल पैदा होते हैं. इसी तरह का एक सवाल जो आमतौर पर पूछा जाता है कि शिव महापुराण के अनोखे रहस्य क्या हैं? अगर आपके मन में भी ऐसा ही सवाल है, तो इस पोस्ट में इसी सवाल का जवाब जानते हैं.

शिव महापुराण
शिव पुराण

शिव महापुराण –

किसी भी रहस्य को जानने से पहले हमारे लिए यह महत्वपूर्ण हो जाता है कि उससे संबंधित विषय के बारे में भी हमें कुछ जानकारी हो. अगर शिव महापुराण की बात करें, तो यह सभी पुराणों में सर्वाधिक महत्व रखता है.

इसके साथ ही यह सबसे ज्यादा पढ़े जाने वाले पुराणों में शामिल है. जैसा कि नाम से ही स्पष्ट होता है कि इस महापुराण में भगवान शिव की महिमा के बारे में बताया गया है. यह पुराण शैव मत से संबंधित है. आमतौर पर सभी पुराणों में भगवान शिव को त्याग और दयालु रूप में दिखाया गया है. लेकिन इस पुराण में भगवान शिव के जीवन चरित्र पर प्रकाश डाला गया है तथा उनके रहन-सहन , विवाह तथा पुत्रों की उत्पत्ति के बारे में विस्तार से बताया गया है.

शिव पुराण
भगवान शिव

शिव पुराण के रहस्य –

शिव पुराण में अनेंक रहस्य छिपे हुए हैं. अगर रहस्यों की बात करें, तो शिवपुराण के अनुसार भगवान शिव को स्वयंभू ( खुद जन्मा हुआ ) माना जाता है. शिव पुराण के अनुसार एक बार भगवान शिव टकने पर अमृत मल रहे थे. तब उससे भगवान विष्णु पैद हुए थे.

ऐसी मान्यता है कि शिव पुराण बहुत ही रहस्यमयी है. इसका पाठ करने से हमारी सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं. इसके अलावा हमारे जीवन में जो भी समस्याएं चल रही होती हैं, वो दूर हो जाती है. इसका पाठ करने से मोक्ष की प्राप्ति होती हैं.

इसमें हमें मृत्यु के संकेत भी दिखाई देते हैं. इसके अनुसार अगर हमारे सिर पर कौआ या गिद्द बैठती हैं, तो यह आने वाली मृत्यु का संकेत हैं. इसके अलावा अगर हमें अपनी परछाई नजर नहीं आती हैं, तो यह भी मृत्यु का संदेश होता है.

यह भी पढ़ें : संत सूरदास ने क्यों मांगा भगवान श्री कृष्ण से अंधा होने का वरदान ?

शिव पुराण के अनुसार भगवान शिव संसार में सबसे पहले अपने निराकार रूप में ही प्रकट हुए. जोकि एक बहुत विशाल ज्योर्तिलिंग ही था. लेकिन बाद में भगवान ने अपना साकार रूप धारण किया. इसके बाद भगवान शिव ने आभूषण के रूप में त्रिनेत्र, हाथों में डमरू और त्रिशूल, गले में सर्प की माला और नंदी की सवारी को स्वीकार किया.


भारत में प्रचीन साहित्य की बात करें, तो उसमें वैदिक साहित्य आता है. जिसमें वेदों की रचना की गई थी. इसके बाद के समय में पुराणों की रचना की गई थी. पुराने समय की रचना होने के कारण ही इनको पुराण कहा जाता है. आमतौर पर माना जाता है कि 18 पुराण है. पुराणों को हिंदू धर्म में विशेष महत्व है.

Disclaimer: इस लेख में दी गई जानकारियां और सूचनाएं सामान्य जानकारी पर आधारित हैं. News4social इनकी पुष्टि नहीं करता है. इन पर अमल करने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से संपर्क करें।

Today latest news in hindi के लिए लिए हमे फेसबुक , ट्विटर और इंस्टाग्राम में फॉलो करे | Get all Breaking News in Hindi related to live update of politics News in hindi , sports hindi news , Bollywood Hindi News , technology and education etc.