वो कौन से कारण है जिसको लेकर भारतीय शिक्षा प्रणाली कमजोर मानी जाती है

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नई दिल्ली: हम सभी जानते है कि भारत एक शिक्षा प्रधान देश है. यहां के अधिकतर लोग शिक्षित है. फिर ऐसे क्या कारण है कि हमेशा से भारतीय शिक्षा प्रणाली पर सवाल खड़े किए जाते है. तो अगर नहीं जानते है तो आज हम आपको अवगत करेंगे आखिर वो क्या है जिस वजह से भारतीय शिक्षा प्रणाली कमजोर साबित होती आई है.

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इसकी सबसे बड़ी कमी है कई तरह के शिक्षा परिषदों का होना. अलग-अलग परिषदों के सिलेबस में अलग-अलग तरह के कंटेंट्स शामिल होते है. जिसके तहत हर राज्य के छात्रों में आपको शिक्षा के स्तर में काफी अंतर दिखाई देगा. जहां बिहार के छात्रों को अंग्रेजी बोलने की क्षमता कम होगी, वहीं दिल्ली से आने वाले छात्र की अंग्रेजी काफी अच्छी होगी.

सरकारी और प्राईवेट शिक्षा के बीच पिसता भारत का भविष्य

वहीं स्कूल का भी काफी फर्क देखा गया है भारत में जहां एक तरफ सरकारी स्कूल है वहीं दूसरी तरफ प्राइवेट स्कूल भी है. आज के युग में तमाम माता-पिता अपने बच्चों को अच्छी शिक्षा देने के लिए सरकारी नहीं बल्कि प्राइवेट स्कूल को चुनते है. ताकी उनके बच्चों को वो तमाम चीजों की जानकारी हो जिनके बलभूते वो अपने जीवन को बेहतर बना सके.

हम सभी जानते है कि सरकारी स्कूल में बच्चों पर उतना सही ध्यान नहीं दिया जाता है जितना प्राइवेट स्कूलों में दिया जाता है. दोनों स्कूल में पढ़ने में काफी फर्क भी देखा जाता है. आज के शिक्षा प्रणाली की सबसे बड़ी त्रासदी यह है कि आज की शिक्षा बच्चों को समझाने के जगह उन्हें रटा-रटाया ज्ञान देती है जिसके कारण उनकी उत्सुकता कम हो जाती है.

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अंधाधुंध आगे बढ़ने की प्रवृत्ति

अभिभावक परीक्षा के बाद अपने बच्चों से यही सवाल पूछते है कि कितने अंक प्राप्त किए अच्छे अंक आने से वह खुश हो जाते है और बच्चे उसी चीज को प्राथमिकता बना लेता है कैसे भी करके अच्छे अंक लाने है. अध्यापक पूर्ण सहयोग करते है फलस्वरूप बच्चे की उत्सुकता और उत्साह खत्म हो जाता है. उनका ध्यान जो लिखा है वहीं याद करके अच्छे अंक लाने में लग जाता है.

हमारी शिक्षा प्रणाली समावेशी नहीं है. शिक्षा के अधिकतर अधिनियम (RTE) को जमीनी स्तर पर लागू नहीं किए जाना आदि.

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महंगी उच्च शिक्षा.

काफी लोगों की सोच यह होती है कि सरकारी स्कूल में अपने बच्चे को भेजने में शर्म करते है या उनके भविष्य को लेकर चिंतित रहते है. उन्हें लगता है कि सरकारी स्कूल में भेजने से उनका बच्चा अन्य निजी विद्यालयों के बच्चो से पिछड़ जाएगा. ये कारण है कि सरकारी स्कूल पिछड़ते जा रहें है. अब तो बच्चो के नाम पर गरीब व पिछड़े वर्ग के बच्चे ही सरकारी स्कूलों में पढ़ रहे है.

आज भी शिक्षाक्षेत्र में प्रौधोगिकी को बढ़ा नहीं दिया गया ये भी एक बहुत बड़ा कारण है जो हमारी शिक्षा प्रणाली को कमजोर बनाता है.