दुनिया के 10 सबसे जहरीले जानवर इनमे सांप नहीं है

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नई दिल्ली: इस आर्टिकल द्वारा आज हम आपको ऐसे जानवरों के बारे में बताएंगे जिनका जहर सांप के जहर से भी ज्यादा जहरीला होता है. चलिए जानते इन जहरीले जीवों के बारे में….

दुनिया के सबसे खतरनाक जहरीले जीवो में सांप तो है ही नही, हम सांप को जहरीला मानते है पर इन जानवरों का जहर तो सांप को भी मार दे इनका जहर इतना जहरीला होता है, और कुछ तो इतने जहरीले है की मात्र छूने से ही जान चली जाये.

कांडिरु फिश (Candiru)

समुद्र में कई ऐसे जीव-जंतु पाए जाते हैं, जो न सिर्फ खतरनाक, बल्कि बेहद जहरीले भी होते हैं. इनमें से कोई जीव बड़े तो कोई छोटे होता है. इनमें कांडिरु फिश भी शामिल है. अमेजन नदी में पाई जाने वाली इस मछली को छोटे मॉन्स्टर (दैत्य) के नाम से भी जाना जाता है. ये शरीर के नाजुक हिस्सों पर अटैक करके सीधे अंदर घुसती जाती है. ऐसे में शरीर के अंदर कई हिस्से कट जाते हैं, जिससे मौत हो जाती है.

ब्लू रिंग ऑक्टोपस (Blue-ringed octopus)

अमूमन ऑक्टोपस की ज्यादातर प्रजातियां जहरीली नहीं होती हैं, लेकिन ब्लू रिंग ऑक्टोपस को दुनिया का सबसे विषैला जीव माना जाता है. सबसे महत्वपूर्ण बात ये है कि इसके जहर से बचने के लिए कोई दवा मौजूद नहीं है. इनके शरीर पर पीली त्वचा पर काले और नीले रंग के छल्ले बने होते हैं जिनके बीच भूरा रंग होता है. अपने छोटे आकार और निर्मल स्वभाव के बावजूद भी यह बहुत ही विषैले होते हैं और मनुष्यों को इनसे बहुत ही सावधानी बरतने की चेतावनी दी जाती है.

पफरफिश (Pufferfish)

कोई भी मछुआरा इसे खुले हाथों से पकड़ने की हिम्मत नहीं जुटा पाता है. इसे पकड़ने के लिए मोटे दास्ताने का उपयोग किया जाता है. हालांकि, बाद में शांत होने पर इस मछली को खुले हाथों से भी पकड़ा जा सकता है. बता दें कि इस मछली को खाने की वजह से ब्राजील की एक फैमिली के पूरे सदस्य पैरालाइज (लकवाग्रस्त) हो गए थे. इसके बावजूद चीन, जापान और उनको पडोसी देशो में इसे बड़े चाव के साथ खाया जाता है, लेकिन इसे केवल प्रोफेशनल कुक ही बना सकते है, उन्ही के पास इसे बनाने का अनुभव और लाइसेंस होता है.

फ्लेमबोयांट कटलफिश (Flamboyant Cuttlefish)

इसके नाम को सुनकर ऐसा लगता है मानो ये कोई खूबसूरत जीव होगा, लेकिन ऐसा नहीं है. ये इतना जहरीला होता है कि चंद मिनटों के अंदर अपने जहर से किसी की जान ले लें. इस प्रकार की मछलियां अफ्रीकी देश में पाई जाती हैं. इस देश की कॉन्गो नदी में यह मछली ऐसी जगह पर मिलती हैं जिस जगह पर कम ही लोग पहुंचते हैं.

ज्योग्राफिक कोन घोंघा Conus textile(Conus textile)

कॉनस जीनस के भीतर सभी प्रजातियों की तरह, ये घोंघे हिंसक और विषैले हैं. वे मनुष्यों को “डंकने” में सक्षम हैं, इसलिए लोगों को सावधानी बरतनी चाहिए. घोंघे की इस प्रजाति के लिए कई मानव मौतों को जिम्मेदार ठहराया गया है. घोंघा की ये प्रजाति इतनी विषैली होती है  की इसके जहर अगर आपके स्किन से छू जाएं तो शुरुआत में वोमेटिंग और डायरिया होता है, बाद में मौत हो जाती है. जल्द से जल्द सही इलाज़ ढूंढा जाये तो, मरीज़ की जान बचाई जा सकती है

जहर फेंकने वाले मेंढक (Poison dart frog)

अमेरिका में पाए जाने वाले ये मेंढक जहर भी फेंकते हैं. अगर ये जहर स्किन से छू जाए तो किसी की जान भी ले सकता है. अधिकांश जहर डार्ट मेंढक चमकदार रंग के होते हैं, संभावित शिकारियों को चेतावनी देने के लिए अपरिपक्व पैटर्न प्रदर्शित करते हैं. इसकी त्वचा से निकाले गए रसायनों को औषधीय मूल्य दिखाया जा सकता है. वैज्ञानिक दर्द निवारक बनाने के लिए इस जहर का उपयोग करते हैं. दस से बीस पुरुषों या लगभग दस हजार चूहों को मारने के लिए औसत पर पर्याप्त विष है

इरुकांदजी जेलीफिश (Box jellyfish)

बॉक्स जेलीफ़िश की कुछ प्रजातियां बेहद शक्तिशाली जहर पैदा करती हैं, इनके डंक से हाइपरक्लेमिया होता है, जिससे कार्डियोवैस्कुलर पतन और मृत्यु 2 से 5 मिनट के भीतर हो सकती है. गोताखोरी के दौरान पूर्ण शरीर पर लाइक्रा सूट पहनना अनिवार्य है, बॉक्स जेलीफ़िश के डंक के   खिलाफ कोई प्रभावी सुरक्षा नहीं है. इसके डंक का उपचार जल्दी नहीं हुआ, तो व्यक्ति की मौत कुछ मिंटो में भी हो सकती है.

त्सेत्से मक्खी (Tsetse fly)

अफ्रीका में पाई जाने वाली इस मक्खी को मास मर्डरर के नाम से भी जाना जाता है. ये इंसान और जानवर दोनों के लिए ही जहरीली होती है. इसके एक बाइट से बीमार होने के कुछ दिनों बाद मौत हो जाती है. यह कीट प्रायः सहारा और कालाहारी मरुस्थल के बीच मध्य अफ्रीका में निवास करता है। यह मक्खी एक परजीवी है जो मनुष्य एवं जानवरों का रक्त पी कर जिन्दा रहती है.

स्लो लोरिस (Slow loris)

इस जानवर को भी दुनिया के सबसे जहरीले जीवों में शुमार किया जाता है. अगर ये किसी को अपने जीभ से चाट ले तो उसकी जान बचा पाना मुश्किल है. हालांकि, सही समय पर इलाज हो तो बचाया जा सकता है. धीमे लोरिसों के हाथ-पाँव में विशेष नसें होती हैं जिनसे घंटो लटकने के बाद भी वह अंग सुन्न नहीं होते. धीमी लॉरीज अर्बोरियल प्राइमेट्स हैं जो शाखाओं के बीच चौगुनी रूप से आगे बढ़ती हैं. वे रात्रिभोज और सर्वव्यापी हैं, पौधे के पदार्थ और कीड़ों पर भोजन करते हैं.

यह देखिए विडियो…..

https://www.youtube.com/watch?v=Ppq88W71aQ0