2021 की जनगणना किस आयुक्त या महापंजीयक के निर्देशन में होगी ?

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जनगणना
जनगणना

भारत में प्रत्येक 10 वर्ष बाद जनगणना होती है. जनगणना में हम किसी क्षेत्र या प्रदेश या देश की जनसंख्या के बारे में विधिवत जानकारी प्राप्त करते हैं तथा उसके आँकड़े रखते हैं. भारतीय संविधान की धारा 246 के अनुसार देश की जनगणना कराने का दायित्व सरकार को सौंपा गया है या संविधान की सातवीं अनुसूची की क्रम संख्या 69 पर अंकित है.

भारत में जनगणना की बात करें, तो यह गृह मंत्रालय के अधीन जनगणना आयुक्त द्वारा कराई जाती है. 2021 की जनगणना के समय भारत के वर्तमान जनगणना आयुक्त विवेक जोशी जी हैं. इन्हीं के नतृत्व में भारत की 2021 जनगणना कराई जाएगी.

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जनगणना

2021 की जनगणना भारत की 16 वीं जनगणना होगी. 2021 की जनगणना डिजिटल रूप से कराई जाएगी. केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा था कि 2021 की राष्ट्रीय जनगणना पूरी तरह से मोबाइल फोन एप्लिकेशन के माध्यम से आयोजित की जाएगी. इसके अलावा फरवरी 2021 में, केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारामन् ने अपने बजट भाषण में भी पुष्टि की थी कि 2021 की जनगणना भारत में पहली बार डिजिटल जनगणना होगी. 2021 की जनगणना 16 भाषाओं में कराई जाएगी.

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विवेक जोशी

भारत में जनगणना के शुरूआत के इतिहास की बात करें, तो सबसे पहली जनगणना भारत में 1872 ईं. में अंग्रेजों के समय हुई थी. ब्रिटिश वायसराय लॉर्ड मेयो के अधीन पहली बार 1872 में जनगणना की गई थी. इसके बाद दूसरी जनगणना 1881 में की गई. यह भारत की पहली नियमित जनगणना थी. इसके बाद प्रत्येक 10 वर्ष बाद भारत की जनगणना की जाती है. 2021 में होने वाली जनगणना से पहले 2011 में जनगणना की गई थी.

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स्वतंत्र भारत की पहली जनगणना 1951 में की गई थी. 1951 के बाद की सभी जनगणनाएं 1948 की जनगणना अधिनियम के तहत कराई गईं. 1951 की जनसंख्या के महत्वपूर्ण तथ्य की बात करें, तो जम्मू और कश्मीर के लिए कोई जनगणना नहीं की गई थी. आजादी के बाद जब पहली जनगणना हुई उस समय भारत के मात्र 18 प्रतिशत लोग ही साक्षर थे. अगर जीवन प्रत्याशा की बात करें, तो वह मात्र 32 वर्ष थी. जीवन प्रत्याशा का अर्थ होता है कि लोगों की औसत आयु जोकि उस समय बहुत कम थी