पतंजलि मूसली पाक का उपयोग पुरषों की सामान्य कमजोरी और मर्दाना कमजोरी को दूर करने में किया जाता है। यह एक शक्तिवर्धक टॉनिक है। Patanjali Moosli Pak 200Gram की क्षमता में उपलब्ध है। आइये इस पाक के बारे में और अधिक विस्तार से जानते हैं कि यह कहाँ इस्तेमाल होता है, कैसे काम करता है और इसके क्या साइड इफेक्ट्स होते हैं।मूसली के फूल सफेद रंग के होते हैं। इसकी जड़ मोटी तथा गुच्छों में होती है।
इसका कंद मीठा, कामोत्तेजक और कफ को कम करने में मदद करता है। यह स्तनों में दूध को बढ़ाने में मदद करता है। यहां तक सफेद मूसली मोटापा या ओबेसिटी अर्श या पाइल्स सांसों के रोग, खूनी की कमी या एनिमिया में भी लाभ पहुंचाता है। आप इसका लाभ ह्रदय विकार तथा डायबिटीज जैसे रोगों में भी ले सकते हैं।सफेद मूसली का वानस्पतिक नाम Chlorophytum borivilianum Santapau R.R.Fern है। सफेद मूसली Liliaceae कुल का है। सफेद मूसली दुनिया भर में भिन्न-भिन्न नामों से जाना जाता है .सफेद मूसली सिर्फ एक बीमारी के लिए नहीं, बल्कि कई बीमारियों के लिए फायदेमंद होता है। आइए जानते हैं कि आप किन बीमारियों में सफेद मूसली के फायदे ले सकते हैंः-
माताओं के स्तनों में दूध बढ़ाने के लिए सफेद मूसली फायदे का लाभ उठाना चाहिए। इसके लिए सफेद मूसली का प्रयोग इस तरह से करना चाहिए। 2-4 ग्राम सफेद मूसली के चूर्ण में बराबर भाग मिश्री मिला लें। इसे दूध के साथ सेवन करें। इससे स्तनों में दूध की वृद्धि होती है।पेट में गड़बड़ी, पेट दर्द, खाना ना खाने की इच्छा, दस्त जैसी समस्याएं होने पर सफेद मूसली का सेवन करें। इसके लिए सफेद मूसली के कंद के चूर्ण का सेवन करना चाहिए।
1-2 ग्राम कंद (bulb) के चूर्ण का सेवन करने से दस्त, पेट की गड़बड़ी, पेट दर्द और भूख ना लगने की समस्या ठीक होती है।सफेद मूसली का सेवन करने पर दस्त की परेशानी से निजात मिल सकता है। 2-4 ग्राम सफ़ेद मूसली की जड़ के चूर्ण को दूध में मिला लें। इसका प्रयोग करने से दस्त, पेचिश तथा भूख की कमी जैसी परेशानियों में लाभ मिलता है।
disclaimer-यह खबर इंटरनेट से ली गयी है इसलिए किसी सम्बंधित विशेषज्ञ या डॉक्टर से सलाह लिए बिना कोई भी काम न करें अन्यथा इसके ज़िम्मेदार आप खुद होंगे।
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साभार-www.1mg.com