CBSE की 12वीं परीक्षा के रिजल्ट का फॉर्म्युला तो तय, लेकिन जो रिजल्ट से संतुष्ट नहीं होंगे उनके लिए क्या एग्जाम का होगा विकल्प? जानें सुप्रीम कोर्ट में क्या हुआ

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CBSE की 12वीं परीक्षा के रिजल्ट का फॉर्म्युला तो तय, लेकिन जो रिजल्ट से संतुष्ट नहीं होंगे उनके लिए क्या एग्जाम का होगा विकल्प? जानें सुप्रीम कोर्ट में क्या हुआ

नई दिल्ली
केंद्र सरकार ने गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट को वह फॉर्म्युला बताया जिसके आधार पर 12वीं के स्टूडेंट्स का रिजल्ट घोषित होगा। बिना बोर्ड एग्जाम के रिजल्ट का फॉर्म्युला तो तय हो गया लेकिन अगर कोई स्टूडेंट खुद को मिले अंकों से असंतुष्ट रहता है तो क्या होगा? क्या उसे एग्जाम देने का विकल्प मिलेगा? रिजल्ट पर किसी तरह के विवाद की स्थिति में उसका निपटारा कैसे होगा? सुप्रीम कोर्ट में ये सवाल भी उठे। आइए जानते हैं कि गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट की सुनवाई में क्या-क्या हुआ?

केंद्र ने कोर्ट में बताया रिजल्ट का फॉर्म्युला
सुप्रीम कोर्ट में केंद्र सरकार ने बताया है कि 12 वीं रिजल्ट के लिए फॉर्म्युला तय कर लिया गया है और रिजल्ट 31 जुलाई तक आ जाएंगे। सुप्रीम कोर्ट को सीबीएसई की ओर से बताया गया कि 12 वीं के स्टूडेंट्स के मूल्यांकन का फॉर्म्युला तय किया गया है और इसके लिए 10वीं, 11 वीं और 12 वीं के प्री बोर्ड परीक्षा के प्रदर्शन के आधार पर फाइनल रिजल्ट तैयार किया जाएगा। सुप्रीम कोर्ट ने सीबीएसई और आईसीएसई के मूल्यांकन फॉर्म्युला व स्कीम को मंजूरी दे दी है।

10वीं, 11वीं और 12वीं प्री बोर्ड के अंकों के आधार पर बनेगा रिजल्ट
सुप्रीम कोर्ट को सीबीएसई की ओर से बताया गया कि 10वीं कक्षा का 30 फीसदी वेटेज दिया जाएगा, 11 वीं का भी 30 फीसदी वेटेज होगा जबकि 12 वीं प्री बोर्ड का वेटेज 40 फीसदी होगा। पिछली सुनवाई के दौरान सीबीएसई ने कहा था कि कोरोना महामारी के कारण 12 वीं परीक्षा रद्द कर दी गई है और अब गुरुवार को कोर्ट को बताया गया कि रिजल्ट के लिए मूल्यांकन का फॉर्म्युला तैयार किया गया है।

31 जुलाई तक आ जाएगा 12वीं का रिजल्ट
सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस एएम खानविलकर की अगुआई वाली बेंच के सामने अटॉर्नी जनरल केके वेणुगोपाल पेश हुए और कहा कि 31 जुलाई तक 12 वीं बोर्ड का रिजल्ट आ जाएगा। साथ ही कहा कि 12 वीं के आंतरिक मूल्यांकन और प्रैक्टिकल आदि के नंबर पोर्टल पर अपलोड किए जाएंगे। सीबीएसई के पोर्टल पर ये नंबर देखे जा सकेंगे। सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि 12 वीं बोर्ड के वैसे स्टूडेंट्स जिनके मामले में विवाद हो जाए उसके निपटान के लिए प्रावधान भी स्कीम में होने चाहिए। साथ ही जो स्टूडेंटं पेपर देना चाहते हैं उनके लिए ऑप्शन के बारे में भी स्कीम में व्यवस्था करने को कहा गया है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि रिजल्ट से जो संतुष्ट नहीं हों उन स्टूडेंट्स को एग्जाम में बैठने के ऑप्शन स्कीम मेंं होने चाहिए। सुप्रीम कोर्ट ने सीबीएसई और आईसीएसई को कहा है कि वह फाइनल स्कीम जारी करे।

जो स्टूडेंट अंकों से संतुष्ट नहीं होंगे, उनका एग्जाम के लिए होगा रजिस्ट्रेशन
सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के बाद सीबीएसई के परीक्षा नियंत्रक संजय भारद्वाज ने बताया कि अगर कोई स्टूडेंट अपने नंबरों से संतुष्ट नहीं होता तो उस स्थिति में क्या होगा। भारद्वाज ने बताया, ‘CBSE नतीजों के बाद अगर कोई छात्र अपने नंबरों से संतुष्ट नहीं होता है तो हम उन छात्रों के लिए परीक्षा का रजिस्ट्रेशन शुरू कर देंगे। उसके बाद सही समय देखकर और कोविड नियमों का पालन करते हुए परीक्षा केंद्र तय कर परीक्षा लेंगे।’

सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के अहम बिंदु

एडवोकेट विकास सिंह: स्थिति नॉर्मल हो रही है लिहाजा एग्जाम लिया जाना चाहिए।

सुप्रीम कोर्ट: सीबीएसई और आईसीएसई ने मूल्यांंकन के लिए फॉर्म्युला तैयार कर लिया है। अगर कोई स्टूडेंट रिजल्ट से संतुष्ट नहीं होते हैं तो स्कीम के तहत उन्हें एग्जाम का ऑप्शन मिल सकता है। उनके लिए ऑप्शन खत्म नहीं होंगे।

सिंह: लेकिन कोई स्कीम पब्लिक डोमेन में नहीं है। अब केस कम हो चुके हैं और 12 वीं का एग्जाम बेहत अहम होता है।

सुप्रीम कोर्ट: स्कीम रेकॉर्ड पर आएगा और हलफनामे में पेश किया जाएगा और स्कीम में सारे ऑप्शन होंगे।

अटॉर्नी जनरल केके वेणुगोपाल: सीबीएसई ने मूल्यांकन का फॉर्म्युला तय किया है। एक एक्सपर्ट कमिटी बनाई गई है और उसने फॉर्म्युला तय किया है। सीबीएसई 30:30:40 फॉर्म्युला पर अमल करेगा। जिसके तहत 12 वीं के स्टूडेंट्स का मूल्यांकन होगा। इसके तहत 10 वीं, 11 वीं और 12 के क्लास रिजल्ट के आधार पर 12 वीं का मूल्यांकन होगा। जो भी सीबीएसई स्टूडेंट्स के इस फॉर्म्युला के रिजल्ट से संतुष्ट नहीं होंगे उन्हें इस बात का मौका दिया जाएगा कि जब कोविड की स्थिति नॉर्मल हो और एग्जाम कंडक्ट हो सके तब एग्जाम के लिए उन्हें अवसर दिया जाएगा। जो संतुष्ट नहीं होंगे वह एग्जाम में बैठ सकते हैं लेकिन एग्जाम स्थिति नॉर्मल होने पर होगा।

सुप्रीम कोर्ट: जो भी आपकी स्कीम है उसमें विवाद के निपटारे का मैकेनिज्म भी होना चाहिए। आप ये भी बताएंगे कि आखिरी तारीख क्या है साथ ही एग्जाम के बारे में बताएंगे कि स्थिति नॉर्मल होने पर एग्जाम का ऑप्शन होगा। लेकिन जो भी फैसला लिया जाए उसमें विवेक का इस्तेमाल किया जाए। आप स्कीम फाइनल करें और सुनवाई सोमवार के लिए टाली जाती है।



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