सुरेश प्रभु के रेलमंत्री रहते हुए लगातार कई रेल हादसे हुए हैं। यही नहीं इन पांच दिनों में 2 हादसे हो गए इसको देखते हुए, रेल मंत्री सुरेश प्रभु ने लगातार बढ़ रहे ट्रेन हादसों की नैतिक जिम्मेदारी लेते हुए पद से इस्तीफे की पेशकश की है। बुधवार को एक के बाद एक किए कई ट्वीट्स में प्रभु ने इशारों-इशारों में बताया कि वह पीएम नरेंद्र मोदी को इस्तीफा सौंप चुके हैं। उन्होंने लिखा कि मोदी ने उन्हें इंतजार करने को कहा है।
प्रभु ने इसके साथ ही इन हादसों की नैतिक जिम्मेदारी लेते हुए अपना पक्ष रखने की भी कोशिश की। बता दें कि पहले उत्कल एक्सप्रेस और फिर कैफियत एक्सप्रेस की दुर्घटना के बाद रेलवे प्रशासन पर लापरवाही का आरोप लग रहा है। खुद प्रभु आलोचकों के निशाने पर हैं। विपक्ष ने उनका इस्तीफा मांगा है।
प्रभु ने ट्वीट करके लिखा, ‘मैंने माननीय पीएम नरेंद्र मोदी से मिलकर (इन घटनाओं की) पूरी नैतिक जिम्मेदारी ली है। माननीय पीएम ने मुझे इंतजार करने को कहा है।’ प्रभु ने लिखा, ‘मुझे इन दुर्भाग्यपूर्ण घटनाओं, में यात्रियों के घायल होने और उनको हुए जान-माल के नुकसान से बहुत ज्यादा पीड़ा हुई है।’
I met the Hon’ble Prime Minister @narendramodi taking full moral responsibility. Hon’ble PM has asked me to wait. (5/5)
— Suresh Prabhu (@sureshpprabhu) August 23, 2017
प्रभु ने अगले ट्वीट में लिखा कि पीएम मोदी की कल्पना वाले न्यू इंडिया को एक ऐसे रेलवे की जरूरत है, जो सक्षम और आधुनिक हो। उन्होंने कहा, ‘मेरा वादा है कि रेलवे उसी रास्ते पर आगे बढ़ रहा है।’
New India envisioned by PM deserves a Rlys which is efficient and modern. I promise that is the path, on which Rlys is progressing now (3/5)
— Suresh Prabhu (@sureshpprabhu) August 23, 2017
उन्होंने बताया कि पीएम नरेंद्र मोदी की लीडरशिप में दशकों से तिरस्कृत रेलवे को निकालने के लिए सभी क्षेत्रों में चरणबद्ध रिफॉर्म्स की कोशिश की, जिसकी वजह से अभूतपूर्व निवेश और उपलब्धियां हासिल हुई हैं। प्रभु ने लिखा, ‘तीन साल से कम वक्त के दौरान बतौर मंत्री रेलवे की बेहतरी के लिए मैंने अपना खून-पसीना बहाया है।’
In less than three years as Minister, I have devoted my blood and sweat for the betterment of the Railways (1/5)
— Suresh Prabhu (@sureshpprabhu) August 23, 2017